Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Oct, 2020 05:04 PM
नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) त्यौहारी मांग के साथ साथ निर्यात मांग बढ़ने के बीच दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शनिवार को लगभग सभी तेल तिलहनों में सुधार दिखा।
नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) त्यौहारी मांग के साथ साथ निर्यात मांग बढ़ने के बीच दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शनिवार को लगभग सभी तेल तिलहनों में सुधार दिखा।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में मूंगफली दाना के साथ साथ मूंगफली तेलों की भारी मांग है और ‘ नंबर एक गुणवत्ता’ वाले मूंगफली दाने की निर्यात के लिए मांग में भारी वृद्धि होने के कारण मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में पर्याप्त सुधार आया।
सूत्रों ने कहा कि पूरे विश्व में हल्के तेलों की भारी मांग है। हल्के तेलों में सबसे सस्ता होने के कारण भी सोयाबीन की खपत में पिछले साल के मुकाबले 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सूरजमुखी फसल के कम उत्पादन होने, सरसों जैसे हल्के तेल में ‘ब्लेंडिंग’ की मांग बढ़ने तथा उत्तर भारत के मौसम की वजह से सोयाबीन तेल मांग के बढ़ने से इसके तेल कीमतों में सुधार आया है।
उन्होंने कहा कि सरसों दाना की जम्मू-कश्मीर की मांग बढ़ी है जहां हरियाणा से 6,250 रुपये क्विन्टल के भाव सरसों दाना की बिक्री की गई है। जयपुर की मंडी में सरसों का हाजिर भाव 6,000 रुपये प्रति क्विन्टल चल रहा है। इस मांग के साथ साथ खासकर उत्तर भारत में त्यौहारी मांग के कारण सरसों तेल तिलहन के भाव में पर्याप्त लाभ दर्ज हुआ।
बेपड़ता कारोबार के कारण सीपीओ और पामोलीन के भाव में भी सुधार दर्ज किया गया।
सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से 150 रुपये किलो बैठता है जबकि एमएसपी के हिसाब से मूंगफली तेल का भाव भी 150 रुपये किलो बैठता है और सरसों तेल एमएसपी के हिसाब से लगभग 120-125 रुपये प्रति किलो बैठता है। दूसरी ओर विदेशों से आयात होने सीपीओ का भाव नगभग 81 रुपये किलो और आयात होने वाले सोयाबीन डीगम का भाव 93.20 रुपये किलो बैठता है।
उन्होंने कहा कि जब सीपीओ और सोयाबीन डीगम जैसे आयातित तेलों का भाव घ्ररेलू तेलों के मुकाबले काफी सस्ता बैठे तो फिर आत्मनिर्भरता के बारे में सोचना भी नहीं चाहिये। आत्मनिर्भरता के लिए सरकार को सस्ते आयात को घरेलू तेलों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कदम उठाना चाहिये और साथ ही घरेलू तेल तिलहनों के बाजार विकसित करने की ओर ध्यान देना चाहिये। यह काम सस्ते आयात को हतोत्साहित करने, तिलहनों का स्टॉक निर्मित करने से ही होगा। इस ओर ध्यान न दिये जाने के कारण ही आज लगभग 70 प्रतिशत तेल मिलें बंद होने की कगार पर हैं।
तेल तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 5,900 - 5,950 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली दाना - 5,475- 5,525 रुपये।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,750 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,120 - 2,180 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 12,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,815 - 1,965 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,935 - 2,045 रुपये प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,500 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,200 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम- 9,320 रुपये।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,100 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,280 रुपये।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 9,500 रुपये।
पामोलीन कांडला- 8,700 रुपये (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 4,300 - 4,325 लूज में 4,170 -- 4,200 रुपये।
मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये
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