त्योहारी मांग, निर्यात बढ़ने से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Oct, 2020 10:03 AM

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नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) देश में त्योहारी मांग और निर्यात बढ़ने के कारण बीते सप्ताह दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार का रुख देखने को मिला। खासकर मूंगफली की मांग बढ़ने से इसके तिलहन और तेल कीमतों में...

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) देश में त्योहारी मांग और निर्यात बढ़ने के कारण बीते सप्ताह दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार का रुख देखने को मिला। खासकर मूंगफली की मांग बढ़ने से इसके तिलहन और तेल कीमतों में पर्याप्त सुधार दर्ज हुआ।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह पूरे विश्व में हल्के तेलों की मांग बढ़ी है और इसमें विशेष तौर पर विदेशों से मूंगफली दाना सहित इसके तेलों की त्योहारी मांग बढ़ी है। मूंगफली का ज्यादातर उत्पादन चीन और भारत में होता है। मूंगफली की निर्यात मांग में भारी उछाल के कारण मूंगफली तेल तिलहनों की कीमतों में जबर्दस्त सुधार आया। ‘नंबर वन क्वॉलिटी’ के मूंगफली दाने की कीमत पर्याप्त वृद्धि के साथ 70 रुपये किलो हो गई है।
सूत्रों ने कहा कि पूरी दुनिया में अब हल्के तेलों की मांग है और हल्के तेलों में सबसे सस्ता होने के कारण सोयाबीन की मांग है। उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह यूक्रेन में सूरजमुखी फसल कम होने के कारण सोयाबीन की मांग में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मांग में 10 प्रतिशत की और वृद्धि अन्य तेलों में सम्मिश्रण (ब्लेंडिंग) के लिए सोयाबीन डीगम की मांग का बढ़ना है।
उत्तर भारत में मौजूदा मौसम की स्थिति की वजह से भी सोयाबीन तेल की मांग में 10 प्रतिशत की और वृद्धि हुई है। इन परिस्थितियों की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल और इसकी उपज अगस्त के दौरान कम बारिश के कारण प्रभावित हुई है। वहीं महाराष्ट्र में अधिक बारिश के कारण इसकी फसल प्रभावित हुई है। जिससे सोयाबीन किसानों की हालत पतली है और उनके लिए अपनी लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।
त्योहारी मांग होने और फसल को पहुंचे नुकसान से समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन दाना और लूज की कीमतें 105-105 रुपये सुधरकर क्रमश: 4,300-4,325 रुपये और 4,170-4,200 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 340 रुपये, 300 रुपये और 220 रुपये सुधरकर क्रमश: 10,500 रुपये, 10,200 रुपये और 9,200 रुपये क्विन्टल पर बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि देश में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में त्योहारी मांग बढ़ने और सरसों की उपलब्धता कम होने के कारण पिछले सप्ताहांत के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों दाना सहित इसके सभी तेल के भाव में सुधार दर्ज हुआ।
उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह जम्मू-कश्मीर में सरसों दाना (तिलहन फसल) की मांग में काफी वृद्धि हुई है जहां की मंडियों में हरियाणा से खरीदी गई सरसों की कीमत 6,250 रुपये क्विन्टल है। जबकि जयपुर के हाजिर मंडी में सरसों दाना का हाजिर भाव बढ़कर 6,000 रुपये क्विन्टल हो गया। त्योहारी मौसम में विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगान में सरसों की मांग वृद्धि होने से भी सरसों दाना सहित इसके तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया।
सूत्रों ने कहा कि नाफेड को सोच-समझ के साथ सीमित मात्रा में सरसों की बिकवाली करनी होगी, क्योंकि अगली पैदावार आने में अभी पांच-छह महीने का समय है और त्योहारों के साथ साथ सर्दियों की मांग और भी बढ़ने वाली है।
आलोच्य सप्ताह के दौरान घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सरसों दाना (तिलहन फसल) पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 260 रुपये का सुधार दर्शाता 5,900-5,950 रुपये और सरसों तेल (दादरी) 750 रुपये के सुधार के साथ 12,000 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। जबकि सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी की कीमतें 70-70 रुपये सुधरकर क्रमश: 1,815-1,965 रुपये और 1,935-2,045 रुपये प्रति टिन पर बंद हुईं।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को तिलहनों का भी बफर स्टॉक बनाना चाहिये तथा देशी स्तर पर तिलहन उत्पादन बढ़ाने के साथ सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिये ताकि हमारे तिलहन उत्पाद आयातित तेलों की प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि बफर स्टॉक के कारण देशी तिलहन पूरा का पूरा बाजार में खप जायेगा और किसानों को इससे फायदा होगा।
मूंगफली की निर्यात मांग बढ़ने से पिछले सप्ताहांत के मुकाबले मूंगफली दाना 300 रुपये के सुधार के साथ 5,475-5,525 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। इसके अलावा मूंगफली तेल गुजरात 900 रुपये के सुधार के साथ 13,750 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ, जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड 180 रुपये का सुधार दर्शाता 2,120-2,180 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
बेपड़ता कारोबार के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में सीपीओ, पामोलीन दिल्ली और पामोलीन एक्स-कांडला की कीमतें क्रमश: 80 रुपये, 100 रुपये और 100 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 8,030 रुपये, 9,500 रुपये और 8,700 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं।
स्थानीय मांग के कारण बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) का भाव भी 180 रुपये सुधरकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 9,280 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।


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