Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Oct, 2020 04:45 PM
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने विभिन्न प्रकार के चमड़े के जूते-चप्पलों (फुटवियर) के गुणवत्ता नियंत्रण नियम जारी किए हैं। इनमें दंगों से बचाव के लिए पहने जाने वाले जूते भी शामिल है। इस...
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने विभिन्न प्रकार के चमड़े के जूते-चप्पलों (फुटवियर) के गुणवत्ता नियंत्रण नियम जारी किए हैं। इनमें दंगों से बचाव के लिए पहने जाने वाले जूते भी शामिल है। इस कदम का उद्देश्य आयात को नियंत्रित करना और देश में कम खराब गुणवत्ता के उत्पादों के उत्पादन को रोकना है।
डीपीआईआईटी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि चमड़े के जूता-चप्पलों के उत्पादन के लिए निश्चित मानकों का पालन करना होगा। साथ ही इनपर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के लाइसेंस के तहत मानक का चिह्न लगाना होगाा। बीआईएस के निशान के बिना इन उत्पादों का उत्पादन, बिक्री/व्यापार, आयात और भंडारण नहीं किया जा सकेगा। यह आदेश 27 अक्टूबर से लागू हो गया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि बीआईएस इन उत्पादों के प्रमाणन और प्रवर्तन करने वाला प्राधिकरण रहेगा।
डीपीआईआईटी ने स्पष्ट किया है कि चमड़े और अन्य सामग्री से बना फुटवियर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश उन उत्पादों पर लागू नहीं होगा जिनका उत्पादन निर्यात के उद्देश्य से किया जा रहा है। विभाग ने इसके अलावा कुछ अन्य उत्पादों मसलन के लिए भी गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किया है। इनमें इस्पात का कुछ सामान, केबल और प्रेशर कूकर शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।