Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Oct, 2020 05:27 PM
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियम ने बृहस्पतिवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को इस कठिन समय में सूझबूझ के साथ कदम उठाने चाहिए ताकि जोखिम नहीं बढ़े और कर्ज की गुणवत्ता को लेकर...
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियम ने बृहस्पतिवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को इस कठिन समय में सूझबूझ के साथ कदम उठाने चाहिए ताकि जोखिम नहीं बढ़े और कर्ज की गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रौद्योगिकी खासकर डाटा विश्लेषण, कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग के उपयोग से संपत्ति की गुणवत्ता बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में सुब्रमणियम ने कहा कि एनबीएफसी को कर्ज के पुनर्वित्त से जुड़े जोखिम या संपत्ति देनदारी को लेकर अंतर और परस्पर संबंधित जोखिम को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘नियामकों के पास इन चीजों पर नजर रखने की जिम्मेदारी है। पर व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रत्येक एनबीएफसी को कर्ज पुनर्वित्त जोखिम के साथ परस्पर संबंधित जोखिम पर नजर रखने की अवश्यकता है। इसका कारण इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रत्येक एनबीएफसी को सूझबूझ के साथ काम करने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जोखिम नहीं बढ़े।’’
सीईए ने यह भी कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू को ध्यान में रखने की जरूरत है। इस समय उदारता जरूरी है लेकिन 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट ने इस बात को सामने लाया कि किस प्रकार बैंकों ने फंसे कर्ज के कारण संकट में होने के बावजूद ऋण लौटा पाने में असमर्थ इकाइयों को कर्ज देना जारी रखा...उस समय चीजें ठीक नजर आयी लेकिन 3-4 साल बाद समस्या देखने को मिली।’’
वैश्विक वित्तीय संकट के बाद बैंकों में गैर-निष्पादित परिसपंत्ति (एनपीए) तेजी से बढ़ा।
उन्होंने कहा कि कठिन समय में एनबीएफसी और उनके निदेशक मंडल को कर्ज को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
अवसरों का जिक्र करते हुए सुब्रमणियम ने कहा कि हाल में सरकार ने कृषि और विनिर्माण समेत कई क्षेत्रों में सुधार किये हैं। इससे नये अवसर सृजित हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका है और यह जापान तथा चीन में देखा गया।
सीईए ने कहा, ‘‘अगर आप 1980 के दशक में जापान की अर्थव्यवस्था को देखे, उस समय वाकई में अच्छी वृद्धि हो रही थी। दुनिया के शीर्ष 25 बैंकों में 18 जापान के थे। अगर आप आज देखें दुनिया के शीर्ष 100 बैंकों में 18 चीन के हैं। दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था में केवल एक बैंक है जो दुनिया के शीर्ष 100 बैंकों में शामिल है।’’
बैंकों की वैश्विक सूची में भारतीय स्टैट बैंक 100 शीर्ष बैंकों में शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वित्तीय क्षेत्र में गुणवत्ता की समस्याएं है। छोटे स्तर पर होने के बावजूद...हमारे सामने कई समस्याएं हैं। मुझे लगता है कि यह संकेत है कि हम इस बारे में विचार नहीं कर रहे कि कैसे डाटा विश्लेषण, एआई, मशीन लर्निंग का उपयोग करना है...।’’
सुब्रमणियम ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग अधिक हो सकता है और इससे कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। इससे हम न केवल भुगतान की क्षमता का पता लगा सकते हैं बल्कि उसकी इच्छा का भी पता लगा सकते हैं।
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