सेबी ने म्यूचुअल फंड प्रबंधकों, डीलरों के लिये आचार संहिता पेश की

Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Nov, 2020 09:14 AM

pti state story

नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एव विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोष प्रबंधकों और संपत्ति प्रबंधन कपनियों (एएमसी) के डीलरों के लिये अचार संहिता पेश की है। इस पहल का मकसद उन्हें और जवाबदेह बनाना है।

नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एव विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोष प्रबंधकों और संपत्ति प्रबंधन कपनियों (एएमसी) के डीलरों के लिये अचार संहिता पेश की है। इस पहल का मकसद उन्हें और जवाबदेह बनाना है।

इसके अलावा एएमसी को अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं की तरफ से बांड खंड में व्यापार के समाशोधन और निपटान को लेकर स्वयं-समाशोधन सदस्य बनने की अनुमति दी गयी है।

सेबी निदेशक मंडल ने इस संदर्भ में प्रस्ताव को सितंबर में मंजूरी दी थी।

नियामक ने 29 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में कहा कि एएमसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि कोष प्रबंधक और डीलर आचार संहिता का पालन करे।

इसमें कहा गया है कि आचार संहिता का अगर उल्लंघन होता है तो उसे एएमसी के निदेशक मंडल और न्यासियों के ध्यानार्थ लाया जाएगा।

फिलहाल, म्यूचुअल फंड नियमों के तहत एएमसी और न्यासियों को आचार संहिता का पालन करना होता है। साथ ही सीईओ को कई जिम्मेदारी दी गयी है।

कोष प्रबंधक और डीलर आचार संहिता से बंधे होंगे और न्यसियों को तिमाही आधार पर स्व-प्रमाणन सौपेंगे। उसमें इस बात का जिक्र होगा कि उन्होंने आचार संहिता का पालन किया है। अगर कोई अपवाद होगा, तो उसका उल्लेख करना होगा।

कोष प्रबंधकों के लिये निवेश का उपयुक्त और पर्याप्त आधार होगा और वे अपने द्वारा प्रबंधित कोष में निवेश को लेकर जवाबदेह होंगे।

साथ ही कोष प्रबंधकों को प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री के निर्णय के लिखित में रिकार्ड रखना होगा। उसमें निर्णय के आधार का विस्तार से उल्लेख होगा। वे ऐसी किसी भी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे जिससे शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) में कृत्रिम तरीके से कोई बढ़ोतरी दिखे।

सेबी ने कहा कि डीलरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आर्डर का क्रियान्वयन बेहतर उपलब्ध शर्तों पर हो। जो भी सौदा हो, उसके लिये उस समय के संबंधित बाजार को ध्यान मे रखा जाएगा। वे सभी यूनिटधारकों के हितों में काम करेंगे।
कोष प्रबंधक और डीलरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि निवेश यूनिटधारकों के हित में किये गये हों। वे निष्पक्ष तरीके से काम करेंगे और बाजार प्रतिभागियों के साथ सौदा पारदर्शी तरीके से करेंगे।

साथ ही उन्हें संस्थानों की नीतियों के अनुसार मौजूदा या संभावित हितों के टकराव को चिन्हित करना होगा और उसका समाधान करना होगा। उन्हें नियम के अनुसार प्रतिभूतियों में जो भी हित हैं, उसके बारे में खुलासा करना होगा।

सेबी के अनुसार उनसे उम्मीद की जाती है कि वे अनैतिक व्यापार गतिविधियों या पेशेवर गड़बड़ी, धोखाधड़ी में शामिल नहीं होंगे। वे ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे संगठन या म्यूचुअल फंड उद्योग की साख को बट्टा लगता हो।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!