मंत्रिमंडल ने हिमाचल में 210 मेगावाट पनबिजली परियोजना के लिये 1,810 करोड़ रुपये निवेश को मंजूरी दी

Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Nov, 2020 09:21 AM

pti state story

नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) केंद्र ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 210 मेगावाट क्षमता की पनबिजली परियोजना लुहरी चरण-1 के लिये 1,810 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी।

नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) केंद्र ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 210 मेगावाट क्षमता की पनबिजली परियोजना लुहरी चरण-1 के लिये 1,810 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी।
आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 210 मेगावाट क्षमता की पनबिजली परियोजना लुहरी चरण-1 के लिये 1,810 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।’’
परियोजना से सालाना 75.82 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होगी।
भारत सरकार और राज्य के समर्थन से परियोजना का क्रियान्वयन सतलुज जल विद्युत निगम लि. (एसजेवीएनएल) बनाओ-अपनाओ-चलाओ-रखरखाव (बीओओएम) आधार पर करेगी। स परियोजना के सहमति पत्र पर दस्तखत हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ नवंबर 2019 में आयोजित ‘राइजिंग हिमाचल, वैश्विक निवेशक बैठक’ के दौरान किये गये थे।
इस परियोजना में ढांचागत सुविधा के लिये है केंद्र सरकार 66.19 करोड़ रुपये का अनुदान दे रही है। इससे इसकी बिजली की दर कम रखने में मदद मिली है।

बयान के अनुसार लुहरी चरण-1 पनबिजली परियोजना का क्रियान्वयन 62 महीनो के भीतर किया जाएगा।

परियोजना से उत्पादित बिजली से ग्रिड स्थिरता में मदद मिलेगी और विद्युत आपूर्ति की स्थिति बेहतर होगी।

बयान में कहा गया है कि इस परियोजना से 6.1 लाख टन कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। फलत: इस परियोजना से वायु गुणवत्तता बेहतर होगी। परियोजना से जुड़ी निर्माण गतिविधियों से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से करीब 2,000 लोगों को रोजगार मिलेगा और इससे राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।

साथ ही राज्य को इस परियोजना के 40 साल के जीवनकाल के दौरान करीब 1,140 करोड़ रुपये मल्य की मुफ्त बिजली मिलेगी।

बयान में कहा गया है कि परियोजना से प्रभावित परिवारों को 10 साल तक हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी।
एसजेवीएन पनबिजली के अलावा नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली पारेषण और तापीय बिजली उत्पापन के क्षेत्र में काम कर रही है। कंपनी ने 2023 तक कुल 5,000 मेगावाट, 2030 तक 12,000 मेगावाट और 2040 तक 25,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!