भारत सौर मोड्यूल्स पर देगा प्रोत्साहन, नवीकरणीय ऊर्जा में 20 अरब डॉलर कारोबार की संभावना: मोदी

Edited By PTI News Agency,Updated: 26 Nov, 2020 10:01 PM

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नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने को लेकर उच्च दक्षता वाले सौर मोड्यूल्स के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन देगा।

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने को लेकर उच्च दक्षता वाले सौर मोड्यूल्स के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन देगा।
उन्होंने विदेशी निवेशकों को भारत की नवीकरणीय ऊर्जा की विकास यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण देते हुए कहा कि जिस तेजी से यह क्षेत्र विकास कर रहा है, उसमें सालाना 20 अरब डॉलर के कारोबार की संभावना है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित तीसरे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन और प्रदर्शनी (री-इनवेस्ट) के उद्घाटन सत्र को ‘वीडियो कांफ्रेन्स’ के जरिये संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत की अगले दशक में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक स्तर पर विकास और विस्तार की योजना है। इससे सालाना करीब 20 अरब डॉलर के कारोबार की संभावनाएं सृजित होने की उम्मीद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता दुनिया में चौथी सबसे बड़ी क्षमता है, सभी बड़े देशों के मुकाबले इसमें तीव्र गति से वृद्धि हो रही है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘भारत की नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 2022 तक 2,20,000 मेगावाट हो जाएगी। फिलहाल 1,36,000 मेगावाट है जो हमारी कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 36 प्रतिशत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक सामानों के विनिर्माण के लिये उत्पादन आधरित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की सफलता के बाद हमने उच्च दक्षता के सौर मोड्यूल्स के लिये भी उसी प्रकार का प्रोत्साहन देने का निर्णय किया है।’’
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता कारोबार सुगमता सुनिश्चित करना है। निवेशकों के लिये चीजों को सुगम बनाने के लिये अलग से परियोजना विकास प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले छह साल में हमने स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में ढाई गुना वृद्धि की है। हमारी सालाना नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि 2017 से कोयला आधारित बिजलीघरों की क्षमता में वृद्धि के मुकाबले ज्यादा है।’’
उन्होंने कहा कि जब नवीकरणीय ऊर्जा सस्ती नहीं थी तब भी इस क्षेत्र में निवेश किये गये थे। अब निवेश बढने तथा बड़े पैमाने पर काम होने से इसकी लागत कम हुई है।

मोदी ने कहा कि पिछले छह साल में भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा है। ‘‘हम हर नागरिक के घरों तक बिजली पहुंचाने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता, नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम दुनिया को यह दिखा रहे हैं कि मजबूत पर्यावरण नीति, मजबूत अर्थशास्त्र भी हो सकता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने सुनिश्चित किया है कि ऊर्जा दक्षता केवल एक मंत्रालय या विभाग तक सीमित न हो बल्कि पूरे सरकार के लिये लक्ष्य बनाया गया है। हमारी जो भी नीतियां हैं, उसमें ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखा गया है।’’
वीडियो कांफ्रेन्स के जरिय आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन री-इनवेस्ट 2020 का विषय ‘सतत ऊर्जा परिवर्तन के लिये नवोन्मेष’ है।

इस मौके पर बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि भारत ने खुद को ऊर्जा की कमी वाले देश से अधिशेष बिजली वाले देश में बदला है। पूरे देश को एक ग्रिड से जोड़ा गया है और 18 महीने में 2.8 करोड़ घरों को बिजली पहुंचायी गयी। यह पूरी दुनिया में अबतक का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।

उन्होंने कहा कि भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन से उत्पादित बिजली की स्थापित क्षमता 38.1 प्रतिशत है।

भारत ने स्वयं से राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (आईएनडीसी) के तहत गैर-जीवश्म ईंधन से 40 प्रतिशत उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा है।

सिंह ने कहा कि 2030 तक भारत की नवीकरणीय ऊर्जा स्रोंतों से बिजली उत्पादन क्षमता कुल क्षमता का 64 प्रतिशत करने की योजना है। यह पेरिस समझौते के तहत हमारी प्रतिबद्धता के मुकाबले 24 प्रतिशत अधिक है।

मंत्री ने कहा कि भारत जी-20 का एकमात्र देश है जो तापमान में वृद्धि 2 डिग्री सेल्सियस से कम रखने के लिये कदम उठा रहा है। हरित हाइड्रोजन और हरित यूरिया जैसी नई प्रौद्योगिकी से देश के अन्य बड़े क्षेत्रों को रोशन करने में मदद मिलेगी।
डेनमार्क के जलवायु, ऊर्जा और जन-उपयोगी सेवा मामलों के मंत्री डैन जोएरगेनसन ने कहा कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में जो लक्ष्य रखा है, उससे उद्योग और दुनिया को एक मजबूत संकेत मिलता है कि ‘‘आप देश को हरित बनाने के लिये प्रतिबद्ध हैं।’’
उन्होंने कहा कि डेनमार्क 2030 तक पहला ऊर्जा द्वीप विकसित करेगा।

उद्घाटन सत्र में ब्रिटेन के सीओपी26 (जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) के अध्यक्ष तथा व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति मामलों के मंत्री आलोक शर्मा ने कहा कि अर्थव्यवस्था को हरित बनाने के लिये हमने पूर्व में जो किया उसके मुकाबले पांच गुना अधिक तेजी से काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ब्र्रिटेन उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की कमी लाने में कामयाब हुआ है और अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के मामले में अग्रणी देश है।

नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने वीडियो संदेश में कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा की अगुवाई कर रहा है तथा दोनों देश पेरिस समझौते के मजबूत समर्थक और आईएसए (अंतरराष्ट्रीय सौर संघ) के सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि फरवरी 2021 में नीदरलैंड वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से व्यापार मिशन भारत लाएगा जिसमें पूरे भारत में जल और नवीकरणीय ऊर्जा तथा यात्रा के बारे में चर्चा की जाएगी।

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि दुनिया का भविष्य स्वच्छ ऊर्जा है।

उन्होंने कहा कि इस्राइल इस समय जो बिजली की खपत करता है, उसमें से 10 प्रतिशत सौर ऊर्जा से आता है। हमने इसे 2030 तक बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।

नेतन्याहू ने कहा कि प्रमुख मसला ‘स्टोरेज’ का है। इस पर करीब 400 स्टार्टअप कंपनियां अरबों डॉलर के निवेश के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने इन स्टार्टअप द्वारा इस समस्या का समाधान निकालने की उम्मीद जतायी जिससे दुनिया के सभी लोगों को लाभ होगा।

यह सम्मेलन विभिन्न देशों, राज्यों, औद्योगिक घरानों और संगठनों को अपनी रणनीतियों, उपलब्धियों को दिखाने का अवसर प्रदान करेगा।



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