Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Nov, 2020 04:34 PM
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिये अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा है। अमेरिका ने मॉरीशस को अपदस्थ कर यह स्थान हासिल किया है। इसकी जानकारी वाणिज्य एवं...
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिये अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा है। अमेरिका ने मॉरीशस को अपदस्थ कर यह स्थान हासिल किया है। इसकी जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से मिली है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर के दौरान भारत को अमेरिका से 7.12 अरब डॉलर का और मॉरीशस से दो अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ। मॉरीशस इस दौरान चौथे स्थान पर फिसल गया।
साल भर पहले की समान अवधि में मॉरीशस एफडीआई का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत रहा था। अमेरिका तब चौथे स्थान पर था।
आंकड़ों के अनुसार, सिंगापुर 8.30 अरब डॉलर एफडीआई के साथ शीर्ष पर बना रहा। इस दौरान केमैन आइलैंड से 2.1 अरब डॉलर का एफडीआई मिला।
इस दौरान भारत में नीदरलैंड से 1.5 अरब डॉलर, ब्रिटेन से 1.35 अरब डॉलर, फ्रांस से 1.13 अरब डॉलर, जापान से 65.3 करोड़ डॉलर, जर्मनी से 20.2 करोड़ डॉलर और साइप्रस से 4.8 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका से बढ़ते एफडीआई से दोनों देशों के मजबूत होते आर्थिक संबंध का पता चलता है।
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