जीएसटी संग्रह ने दिसंबर में बनाया रिकार्ड, 1.15 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Jan, 2021 08:49 PM

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नयी दिल्ली, एक जनवरी (भाषा) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह ने दिसंबर में नया रिकार्ड बनाया है। दिसंबर में यह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि किसी एक महीने में अब तक का सर्वोच्च संग्रह रहा है। ‘लॉकडाउन’ से जुड़ी पाबंदियों में ढील दिये...

नयी दिल्ली, एक जनवरी (भाषा) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह ने दिसंबर में नया रिकार्ड बनाया है। दिसंबर में यह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि किसी एक महीने में अब तक का सर्वोच्च संग्रह रहा है। ‘लॉकडाउन’ से जुड़ी पाबंदियों में ढील दिये जाने के साथ आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से जीएसटी संग्रह बढ़ा है।

दिसंबर 2020 का यह जीएसटी संग्रह एक साल पहले के दिसंबर के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है। देश में माल एवं सेवाओं की बिक्री के समय उसपर जीएसटी वसूला जाता है। खाने -पीने का सामान हो, यात्रा बुकिंग हो या फिर बीमा प्रीमियम का भुगतान ऐसे सामान अथवा सेवाओं पर जीएसटी लगाया जाता है।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिसंबर 2020 में सकल जीएसटी राजस्व 1,15,174 करोड़ रुपये रहा। यह इससे पिछले महीने के संग्रह के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक है। यह पिछले 21 महीनों में सबसे अधिक मासिक राजस्व वृद्धि है।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि देश में जुलाई 2017 से जीएसटी के अमल में आने के बाद दिसंबर में प्राप्त जीएसटी सर्वाधिक रहा है। इससे पहले अप्रैल 2019 में 1,13,866 करोड़ रुपये का सर्वाधिक जीएसटी संग्रह हुआ था।

यह लगातार तीसरा महीना है जब जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। साथ ही यह चौथा लगातार महीना है जब जीएसटी संग्रह 2019 के इन्हीं महीनों के मुकाबले बेहतर रहा है।

बयान के अनुसार यह महामारी के बाद तेज आर्थिक सुधार और जीएसटी चोरी और फर्जी बिल के खिलाफ चलाए गए देशव्यापी अभियान और व्यवस्थागत बदलावों के चलते संभव हुआ। इन सबके कारण अनुपालन में सुधार हुआ है।

सरकार ने 2020 में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाये जाने की घोषणा की थी। इससे मांग कम होने तथा ज्यादातर कंपनियों में कामकाज बंद होने से अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि में अब तक की सबसे बड़ी 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी। ‘लॉकडाउन’ पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दिये जाने के बाद से अर्थव्यवस्था के कई हिस्सों में तेजी आयी। हालांकि, उत्पादन अभी भी महामारी पूर्व स्तर से नीचे बना हुआ है।

जीएसटी आंकड़ों के बारे में शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के भागीदारी रजत बोस ने कहा कि सरकार को जीएसटी संग्रह का अलग अलग ब्योरा उपलब्ध कराना चाहिए। यानी रिटर्न फाइलिंग के जरिये संग्रह हुआ कर का अलग और वसूली अभियान के तहत प्राप्त जीएसटी की अलग से जानकारी देनी चाहिए। इससे आर्थिक पुनरूद्धार की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी।

उनके सहकर्मी अतुल गुप्ता ने कहा कि हाल में पेश ई-इनवॉयसिंग जैसे जीएसटी प्रौद्योगिकी मंच और बिलों के मिलान को प्रभावी तरीके से लागू करने के साथ फर्जी बिलों को रोकने के लिये उठाये गये कदमों से अनुपालन बढ़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष की बची हुई तिमाही में जीएसटी राजस्व में और वृद्धि की उम्मीद है....।’’
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि नवंबर माह के लिये 31 दिसंबर तक कुल 87 लाख जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल किए गए।
समीक्षाधीन महीने में आयातित वस्तुओं से राजस्व 27 प्रतिशत बढ़ा और घरेलू लेनदेन (आयात सेवाओं सहित) से राजस्व 2019 की समान अवधि के मुकाबले आठ प्रतिशत अधिक रहा।
दिसंबर में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 21,365 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी संग्रह 27,804 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 57,426 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 27,050 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 8,579 करोड़ रुपये (आयात पर 971 करोड़ रुपये सहित) रहा।

डेलॉइट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एम एस मणि ने कहा कि जीएसटी संग्रह में लगातार बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर भरोसा बढ़ाएगी और इससे पता चलता है कि व्यावसायिक गतिविधियां पूरी तरह फिर से शुरू हो गई हैं तथा वस्तुओं तथा सेवाओं की मांग तेज बनी हुई है।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि जीएसटी राजस्व में बढ़ोतरी से पता चलता है कि औद्योगिक गतिविधियां सामान्य स्थिति में वापस आ रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आयातित वस्तुओं से राजस्व में वृद्धि यह संकेत देती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड- महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव से उबरते हुए वृद्धि के रास्ते पर तेजी से पहुंच रही है...।’’
जीएसटी राजस्व 2019-20 में आठ महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में कोविड-19 महामारी के कारण राजस्व पर असर पड़ा।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल में जीएसटी राजस्व 32,172 करोड़ रुपये, मई में 62,151 करोड़ रुपये, जून में 90,917 करोड़ रुपये, जुलाई में 87,422 करोड़ रुपये, अगस्त में 86,449 करोड़ रुपये, सितंबर महीने में 95,480 करोड़ रुपये, अक्टूबर में 1,05,155 करोड़ रुपये, नवंबर में 1,04,963 करोड़ रुपये और दिसंबर में 1,15,174 करोड़ रुपये रहा।

हालांकि, कुल मिलाकर जीएसटी राजस्व चालू वित्त वर्ष में अपैल-दिसंबर के दौरान पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 14 प्रतिशत कम रहा।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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