स्वर्ण परीक्षण में अम्ल प्रदूषण को रोकने के लिये दिशानिर्देशों का पालन करे राज्यों के बोर्ड: एनजीटी

Edited By PTI News Agency,Updated: 20 Jan, 2021 09:39 PM

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नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने स्वर्ण परीक्षण से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी) को निर्देश दिया है कि वे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा...

नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने स्वर्ण परीक्षण से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी) को निर्देश दिया है कि वे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी किये गये ‘गोल्ड असेसमेंट हॉलमार्किंग सेंटर के लिये दिशानिर्देश’ का पालन करें।

एनजीटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीपीसीबी से कहा कि वह दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिये सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के बोर्डों की निगरानी करे।

एनजीटी ने सीजीआर हॉलमार्कर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जेम्स जोस द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। याचिका में केरल में सोने के परीक्षण में अम्लीय प्रदूषण की जांच के लिये नियामकीय व्यवस्था की मांग की गयी है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने सोने का परीक्षण करते समय पर्यावरण में अम्ल पहुंचाया।

एनजीटी द्वारा गठित एक समिति ने यह बताया कि भले ही गुण और अवगुण के साथ कीमती धातु को परखने की कई तकनीकें उपलब्ध हैं, आग से की जाने वाली पारंपरिक जांच अभी भी सटीक व कम लागत वाला है। समिति ने कहा कि इसमें जहरीले धातु और अम्लीय धुएं के माध्यम से विषाक्त उत्सर्जन पैदा होता है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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