नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मध्यप्रदेश सरकार से कहा कि वह राज्य के निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के धन को दूसरे काम पर खर्च करने की अपनी अर्जी में बोर्ड को भी एक पक्षकार बनाये।
नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मध्यप्रदेश सरकार से कहा कि वह राज्य के निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के धन को दूसरे काम पर खर्च करने की अपनी अर्जी में बोर्ड को भी एक पक्षकार बनाये।
न्यायालय ने यह निर्देश राज्य सरकार की उस याचिका पर दिया, जिसमें सरकार ने बोर्ड के 1,985 करोड़ रुपये में से एक हजार करोड़ रुपये अन्य कल्याण योजनाओं पर खर्च के लिये निकालने की मंजूरी देने की मांग की है।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि वह किस प्रावधान के तहत बोर्ड के कोष का इस्तेमाल अन्य मदों में करना चाहती है।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘हमारे पास कोष को अन्यत्र देने का कोई वैधानिक रास्ता नहीं है। क्या सरकार के पास कोई सरकारी प्रतिभूति या बांड है? इस कोष का किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के बजाय सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जा सकता है और तब सरकार के द्वारा इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।’’
सुनवाई कर रही पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे।
पीठ ने आदेश दिया, ‘‘याचिकाकर्ता को राज्य कल्याण बोर्ड को एक पक्षकार बनाने का निर्देश दिया जाता है। इस मामले को दो सप्ताह बाद के लिये सूचीबद्ध किया जाए।’’
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