फ्रैंकलीन टेम्पलटन मामले में यूनिटघारकों ने बहुमत से छह योजनाओं को बंद करने पर सहमति जतायी: न्यायालय

Edited By PTI News Agency,Updated: 12 Feb, 2021 08:52 PM

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नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को फ्रेंक्लिन टेम्पल्टन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के लिये करायी गयी ई-वोटिंग प्रक्रिया को लेकर जतायी गयी आपत्तियों को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि यूनिटधारकों ने बहुमत...

नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को फ्रेंक्लिन टेम्पल्टन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के लिये करायी गयी ई-वोटिंग प्रक्रिया को लेकर जतायी गयी आपत्तियों को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि यूनिटधारकों ने बहुमत के साथ योजनाओं को बंद करने की सहमति दी है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि योजनाओं को बंद करने और यूनिटधारकों को निवेश राशि का वितरण पूर्व में मामले में दिये गये निर्देश के तहत होगा। न्यायालय ने यह निर्देश दिया कि सभी प्रतिभूतियों या संपत्ततियों के परिसमापन के लिये इंतजार किये बिना राशि का वितरण किस्तों में की जा सकती है।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन की छह योजनाओं...इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शार्ट बांड फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शार्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनैमिक एक्रूअल फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम आपुर्चिनिटीज फंड...को बंद करने के संदर्भ में ई-वोटिंग दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हुई थी।
कंपनी ने भुगतान के दबाव और बांड बाजार में नकदी की कमी का हवाला देते हुए 23 अप्रैल को इन छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने की घोषणा की थी।

न्यायमूर्ति एस ए नजीर और संजीव खन्ना की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि यूनिटधारकों की सहमति का मतलब है कि बहुमत की मंजूरी जिन्होंने मतदान में भाग लिया।

पीठ ने कहा, ‘‘जो तथ्य प्राप्त हुए हैं और जो कारण बताये गये हैं, हम चुनाव परिणाम को लेकर जतायी गयी आपत्तियों को खारिज करते हैं। इस बात पर मुहर लगाते हैं कि यूनिटधारकों ने बहुमत के आधार पर छह योजनाओं को बंद करने को सहमति जतायी है।’’
न्यायालय ने कहा कि धन का वितरण शीर्ष अदालत के पहले के आदेश के अनुसार जारी रहेगा।

शीर्ष न्यायालय ने दो फरवरी को आदेश दिया था कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं के यूनिट धारकों को तीन सप्ताह के भीतर 9,122 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए।
न्यायालय ने कहा था कि धन का वितरण यूनिट धारकों की परिसंपत्तियों में हिस्सेदारी के अनुपात में की जाएगी।

इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को ई-मतदान प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करने को कहा था।
इससे पहले न्यायालय वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये मामले की सुनवाई करते हुए एसबीआई म्यूचुअल फंड को यूनिटधारकों के बीच पैसे का वितरण करने की जिम्मेदारी दी थी। न्यायालय के इस आदेश पर सभी पक्षों के वकीलों ने सहमति जतायी।

पीठ ने मामले से जुड़े पक्षों को यह छूट दी कि यूनिटधारकों को धन लौटाने या प्रक्रिया में किसी प्रकार की कठिनाई होने की स्थिति में वे न्यायालय के पास आ सकते हैं।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन सर्विसेज लि. के वकील ने पिछली सुनवाई में पीठ के समक्ष कहा कि कंपनी एसबीआई म्यूचुअल फंड के साथ मामले में सहयोग करेगी।

इससे पहले, पीठ ने 25 जनवरी को कहा था कि वह छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने और यूनिटधारकों को उनके पैसे वितरित करने के लिये ई-वोटिंग प्रक्रिया को लेकर आपत्ति से संबंधित मुद्दों का पहले निपटान करेगा।
शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ फ्रैंकलिन टेम्पलटन की अपील पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में निवेशकों की पूर्व मंजूरी के बिना ‘डेट फंड’ को बंद करने पर रोक लगा दी थी।

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल तीन दिसंबर को फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड से छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के बारे में यूनिटधारकों की मंजूरी लेने के लिये उनकी बैठक बुलाने को लेकर एक सप्ताह के भीतर कदम उठाने को कहा था।
कंपनी ने सात दिसंबर, 2020 को कहा था कि उसने यूनिटधारकों से निश्चित आय वाली छह योजनाओं को बंद करने की मंजूरी मांगी है।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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