बजट में भारत को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुधारों पर जोर: सीतारमण

Edited By PTI News Agency,Updated: 13 Feb, 2021 05:11 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को निवेश, मांग और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाला बताते हुए शनिवार को कहा कि उनकी सरकार की ओर से उठाए गए सुधारवादी कदमों से भारत को दुनिया की एक शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने का...

नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को निवेश, मांग और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाला बताते हुए शनिवार को कहा कि उनकी सरकार की ओर से उठाए गए सुधारवादी कदमों से भारत को दुनिया की एक शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता बनेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ दूसरे देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अब भी है, लेकिन यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से काम हुआ और स्थिति से जिस तरह से निपटा गया है उसका नतीजा है कि अर्थव्यवस्था सतत रूप से आगे बढ़ रही है।

उन्होंने पूंजीपतियों के साथ साठगांठ करने के विपक्ष के आरोपों को दृढता से निरस्त करते हुए गांव, गरीब और आम लोगों के कल्याण के लिए राजग सरकार की तमाम योजनाओं और उनके लिए बजट में लगातार बढ़ोतरी किए जाने का जिक्र किया। वित्त मंत्री ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश किया था, जिसमें 34.5 लाख करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान है। कोविड-19 संकट के चलते अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने देश की तरक्की में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि उनकी सरकार संपत्ति सृजन करने वालों का सम्मान करने में विश्वास रखती है क्योंकि सम्पत्ति के बिना सरकार को पर्याप्त संसाधन नहीं मिल सकते।
उन्होंने कहा कि कोविड19 से निपटने के लिए लागू लाकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से वापस लौटे कामगारों, किसानों, महिलाओं और गरीबों की सहायता तथा मुफ्त राशन के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 2.7 लाख करोड़ रुपये के सहायता पैकेज के अलावा तीन अगलग अलग घोषित भारतनिर्माण पैकेज कार्यक्रमों तथा रिजर्व बैंक की और से ऋण नीति के अंतर्गत सहायता को मिला कर 27.1 लाख करोड़ रुपये की पैकेज योजनाएं जारी की गयी। इस तरह कुल पैकेज 29.87 लाख करोड़ रुपये का रहा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महामारी की चुनौतीपूर्ण स्थिति भी सरकार को देश के दीर्घकालीन विकास के लिए सुधार के कदम उठाने से नहीं डिगा सकी। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 2021-22 के बजट में पूंजीगत व्यय के प्रावधान को बढ़ा कर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है जिससे नयी मांग और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था को अधिक गति मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए चालू वित्त वर्ष में कोविड संकट के दौरान भी पूंजी गत निवेश को बढ़ाए रखा गया और संशोधित अनुमान में पूंजी-व्प्यय 4.12 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर नाम लिये बिना निशाना साधा और कहा कि आजादी के बाद से सत्ता में रहने वाली पार्टी को 1991 में आर्थिक सुधारों की बात सूझी और इस सरकार से और प्रधानमंत्री से बार-बार आर्थिक सुधारों को लेकर सवाल पूछे जाते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में रहे।

सीतारमण ने कहा कि जनसंघ के दिनों से लेकर आज तक भाजपा की आर्थिक नीतियां एकरूप रही हैं और सरकार ने भारतीय उद्यमियों, व्यापारियों, युवाओं आदि के कौशल को सम्मान दिया है।

उन्होंने कहा कि मोदी नीत राजग सरकार ने करदाताओं, उद्यमियों और ईमानदार नागरिकों का सम्मान करते हुए इन नीतियों का पालन किया है।

सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने अभिभाषण में किसानों, पूंजी सृजन करने वाले उद्यमियों (वेल्थ क्रियेटर्स) की बात की। इन उद्यमियों के बिना अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी?
सीतारमण के जवाब के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे। उन्होंने अपने भाषण के आखिरी हिस्से में विपक्षी सदस्यों की टोकाटाकी के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी का नाम लेकर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और संस्थाओं का निरादार करने की प्रवृत्ति की तीखी आलोचना की। गांधी उस समय सदन में नहीं थे।

बजट को पूंजीपतियों का बजट बताने वाले विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह सरकार हर वर्ग के लिये काम कर रही है और साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की झूठी कहानी गढ़ने की आदत हो गयी है।

उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, छोटे और मझोले उद्यमों की सहायता के लिये मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना और अन्य तमाम कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कि कहा कि इनका फायदा किसी पूंजीपति की जेब में नहीं जाता है।

उन्होंने पूछा कि विपक्ष बता सकता है कि केरल में एक खास परियोजना आमंत्रण के आधार पर एक खास उद्योगपति को क्यों दी गई।

देश के सबसे बड़े बंदरगाह विकासकर्ता अडाणी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन को दिसंबर 2015 में केरल के विहिंगम में अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट परियोजना का ठेका मिला था।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बजट देश को आत्मनिर्भर बनने में तेजी लाएगा और सुधारों की दिशा में उठाये गये कदम भारत दुनिया में शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता साफ करेगा।’’
सीतारमण ने कहा कि सरकार गरीबों के लिये सड़क से लेकर कृषि, मकान से लेकर बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है, इसके बावजूद विपक्ष झूठी कहानी गढ़ रहा है कि सरकार साठगांठ कर पूंजीपतियों के लिये काम कर रही है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी राज्यसभा में आम बजट को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा था कि ‘अमीरों का, अमीरों के लिए और अमीरों द्वारा ’ बनाया यह बजट देश की उस एक प्रतिशत आबादी के लिये से लाया गया है जिसके नियंत्रण में देश की 73 प्रतिशत संपदा है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.67 करोड़ मकान बनाये गये हैं, सौभाग्य योजना के तहत अकटूबर 2017 से 2.67 घरों में बिजली पहुंचायी गयी। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत नौ करोड़ से ज्यादा किसानों को उनके खाते में हर साल 6,000 रुपये डाले जा रहे हैं। क्या यह सब गरीबों के लिये नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्रत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2014-15 से 2,11,192 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है, ये सड़के गांवों को जोड़ती हैं। क्या वे गांव अमीरों के हैं?’’ उन्होंने कहा कि जो लोग बिना सोचे-समझे आरोप लगाते हैं, उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के लेन-देन हुए। इसका फायदा लघु और मझोले उद्यामों को मिला। क्या ये सुविधाएं बड़े पूंजीपतियों ने नहीं उठायी हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने गांवों में बिजली, सड़क किसानों के खातों में पैसा जैसे जो भी काम किये हैं क्या ‘दामादों’ के लिये किये है? बिल्कुल नहीं। इससे केवल गरीबों को लाभ हो रहा है।’’
वास्तव में वित्त मंत्री ने दामाद शब्द के जरिये परोक्ष रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट बाड्रा का संदर्भ दिया। बाड्रा पर संप्रग शासन के दौरान अवैध तरीके से लाभ उठाने का आरोप है।

कांग्रेस पार्टी और वाड्रा पूर्व में ऐसे आरोपों से इनकार कर चुके हैं।

रक्षा बजट में कमी के विपक्ष के आरोप पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह कहना तथ्य आधारित नहीं है कि सरकार ने रक्षा बजट में कमी की है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान से अधिक का प्रावधान किया गया है और यह वृद्धि पूंजी और राजस्व दोनों मदों में की गयी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन योजना के बकाये को पूरा करने के लिए पिछले बजट में प्रावधान किया गया था जिसकी इस बार जरूरत नहीं थी।

पीएम सम्मान निधि के तहत राशि कम किये जाने के विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिये आबंटन 10,000 करोड़ रुपये कम किया गया है।’’
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत आबंटित कोष का उपयोग हमारी सरकार में बढ़ा है।

सीतारमण ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) की सारी कमियों को दूर कर इस साल सबसे अधिक 90,500 करोड़ रूपये व्यय किए हैं।

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘इस मामले में आपका ट्रैक रिकार्ड खराब है। आपके बजट अनुमान कभी हासिल नहीं किए जा सके।’’
सीतारमण ने कहा कि जरूरी हुआ तो सरकार 2021-22 में मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान है। सरकार इस कार्यक्रम के लिए जरूरत होने पर इससे भी अधिक धनराशि आबंटित करेगी।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के मद्देनजर कई विशेषज्ञों से चर्चा के बाद यह बजट लाया गया है और इस बजट ने भारत के आत्मनिर्भर बनने की भूमिका रखी है।
बजट पर चर्चा के दौरान विभिन्न विपक्षी सदस्यों के एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को समर्थन नहीं देने के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी अपनी घोषणाओं में स्पष्ट किया था कि संकटग्रस्त एमएसएमई क्षेत्र को दो स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एक तो किसी उद्यम को कर्ज आदि के मामले में अदालतों में नहीं खींचा जाएगा और इसके लिए समयसीमा को भी बढ़ाया गया, वहीं आर्थिक मदद भी दी गयी।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सभी बैंकों को निर्देश दिये गये कि एमएसएमई से संपर्क साधा जाए और उन्हें बिना किसी गिरवी के आर्थिक मदद मुहैया कराने की पेशकश की जाए।

सीतारमण ने कहा कि इस बजट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 71,269 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है। आयुष मंत्रालय के लिए 2,970 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया जो पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी अधिक है।

वित्त मंत्री ने बजट पर चर्चा में भाग लेने वाले विभिन्न दलों के 77 सदस्यों को धन्यवाद दिया।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!