सरकार ने औषधि, आईटी हार्डवेयर क्षेत्रों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी

Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Feb, 2021 09:08 PM

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नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) सरकार ने बुधवार को औषधि और आईटी हार्डवेयर क्षेत्र में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत देश में इन क्षेत्रों में विनिर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिये 22,000 करोड़ रुपये...

नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) सरकार ने बुधवार को औषधि और आईटी हार्डवेयर क्षेत्र में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत देश में इन क्षेत्रों में विनिर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिये 22,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की पेशकश की गयी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि 2022 से 2028 के दौरान पीएलआई योजना से भारत को 2.45 लाख करोड़ रुपये का आईटी वस्तुओं और 1.96 लाख करोड़ रुपये के औषधि उत्पादों के निर्यात में मदद मिलेगी।
योजना के तहत विनिर्माताओं को स्थानीय रूप से विनिर्मित वस्तुओं की अतिरिक्त बिक्री पर 1.0 प्रतिशत से 4.0 प्रतिशत का ‘कैशबैक’ (नकद-वापसी) निश्चित अवधि तक मिलेगा। इसमें उत्पादन की तुलना के लिए आधार वर्ष 2019-20 है।

योजना के तहत औषधि क्षेत्र के लिये 15,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन 2020-21 से 2028-29 तक दिया जाएगा। वहीं 7,325 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर बनाने वाली कंपनियों को चार साल के लिये दिया जाएगा।

प्रसाद ने कहा, ‘‘योजना का मकसद भारत को विनिर्माण के क्षेत्र में वैश्विक चैंपियन बनाना और स्थानीय विनिर्माताओं को राष्ट्रीय चैंपियन बनाना है।’’
आईटी हार्डवेयर क्षेत्र के लिये इस योजना से अगले चार साल में इन उत्पादों का विनिर्माण 3.26 लाख करोड़ रुपये और निर्यात 2.45 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इससे 1.80 लाख रोजगार के अवसर सृजन होने का भी अनुमान है।
औषधि क्षेत्र के लिये लायी गयी पीएलआई योजना से देश में उच्च मूल्य के उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा मिलने तथा निर्यात में और मूल्यवर्धन की उम्मीद है।
इससे अगले छह साल 2022-23 से 2027-28 के दौरान बिक्री में 2,94,000 करोड़ रुपये और निर्यात में 1,96,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि होने का अनुमान है।

इस योजना से क्षेत्र के विकास के परिणामस्‍वरूप 20,000 प्रत्‍यक्ष और 80,000 अप्रत्‍यक्ष नौकरियां सृजित होने का अनुमान है।
आईटी हार्डवेयर उपकरणों के लिये पीएलआई योजना से पहले पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल ने दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं के लिये 12,195 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी।
आधिकारिक बयान के अनुसार इस योजना का लाभ आईटी हार्डवेयर विनिर्माण क्षेत्र की पांच बड़ी वैश्विक कंपनियों तथा 10 घरेलू ‘चैंपियन’ कपंनियों को मिलेगा।
ऐसे समय जब वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है और कंपनियां अपने विनिर्माण गतिविधियों का विविधीकरण कर रही हैं, पीएलआई योजना से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में परिवेश के विकास में मदद मिलेगी।

बयान में कहा गया है कि इस योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में 2,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आएगा।
बयान के अनुसार, ‘‘योजना के तहत उत्पादन से अगले चार साल में 15,760 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष राजस्व का सृजन होगा। इससे आईटी हार्डवेयर में घरेलू मूल्यवर्धन 2025 तक बढ़कर 20 से 25 प्रतिशत हो जाएगा, जो अभी पांच से दस प्रतिशत है।’’
औषधि क्षेत्र के लिये लायी गयी पीएलआई योजना से क्षेत्र में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्‍मीद है।’’
इससे उभरती हुई चिकित्सा विधाओं और जांच कार्यों (डायग्‍नोस्टिक) में उपयोग होने वाले उपकरणों के साथ आयातित औ‍षधियों में आत्‍मनिर्भरता सहित जटिल तथा उच्‍च तकनीक वाले उत्‍पादों के विकास के लिए नवोन्‍मेष को बढ़ावा मिलेगा।


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