देश में लैपटॉप, टैबलेट, पीसी के विनिर्माण को बढ़ावा देने को 7,350 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना मंजूर

Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Feb, 2021 09:23 PM

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नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) सरकार ने देश में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी तथा सर्वर के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए 7,350 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है। पीएलआई योजना के जरिये सरकार का इरादा घरेलू...

नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) सरकार ने देश में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी तथा सर्वर के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए 7,350 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है। पीएलआई योजना के जरिये सरकार का इरादा घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने का है।
पीएलआई योजना से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में मदद मिलेगी। इस समय वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है और कंपनियां अपने विनिर्माण गतिविधियों का विविधीकरण कर रही हैं।
इसी के साथ महामारी के दौरान घर से काम और घर से पढ़ाई की वजह से देश का पीसी का बाजार काफी तेज वृद्धि दर्ज कर रहा है।
इस नयी योजना के तहत अगले चार साल में इन उत्पादों का विनिर्माण 3.26 लाख करोड़ रुपये और निर्यात 2.45 लाख करोड़ रुपये रहने और इससे 1.80 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होने का अनुमान है।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने आईटी हार्डवेयर के लिए 7,350 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी और सर्वर आएंगे।
इस 7,350 करोड़ रुपये की योजना का उद्देश्य भारत को हार्डवेयर विनिर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में पेश करना है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि पीएलआई योजना की वजह से अमेरिकी की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज एपल अपने कुछ आईपैड टैबलेट भारत में असेंबल कर सकती है। इस तरह की खबरें आई हैं कि एपल भारत में विनिर्माण के अवसर तलाश रही है। हालांकि, कंपनी ने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इन हाई-टेक आईटी हार्डवेयर गैजट्स के लिए पीएलआई योजना को हरी झंडी से पहले पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार उपकरण विनिर्माण के लिए 12,195 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी।
मोबाइल फोन विनिर्माण की प्रोत्साहन योजना को महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है।
इस नयी आईटी हार्डवेयर योजना के तहत (आधार वर्ष 2019-20 के ऊपर) भारत में विनिर्मित उत्पादों पर शुद्ध रूप से बढ़ी हुई बिक्री पर 4 से लेकर एक प्रतिशत तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह प्रोत्साहन पात्र कंपनियों को चार साल की अवधि के लिए दिया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि इस योजना का लाभ आईटी हार्डवेयर विनिर्माण क्षेत्र की पांच बड़ी वैश्विक कंपनियों तथा10 घरेलू ‘चैंपियन’ कपंनियों को दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत अभी इन उत्पादों के आयात पर निर्भर है।
इस योजना के तहत सरकार प्रोत्साहन का भुगतान निवेश पूरा होने, रोजगार सृजन, उत्पादन और बिक्री का लक्ष्य पूरा होने के बाद ही करेगी।
बयान में कहा गया है कि इस योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में 2,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आएगा।
बयान के अनुसार, ‘‘योजना के तहत उत्पादन से अगले चार साल में 15,760 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष राजस्व का सृजन होगा। इससे आईटी हार्डवेयर में घरेलू मूल्यवर्धन 2025 तक बढ़कर 20 से 25 प्रतिशत हो जाएगा, जो अभी पांच से दस प्रतिशत है।
प्रसाद ने कहा कि यह योजना भारत को इन उत्पादों के बड़े विनिर्माण केंद्र के रूप में पेश करेगी। इससे निर्यात बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।
ईवाई इंडिया के कर भागीदार कुणाल चौधरी ने कहा कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय का भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने के विचार की दिशा में एक और कदम है।


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