व्यापारियों ने भारत बंद का समर्थन किया लेकिन कारोबार बंद रखने से किया परहेज, कहा नहीं उठा सकते जोखिम

Edited By PTI News Agency,Updated: 26 Feb, 2021 08:37 PM

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नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) व्यापारिक संघों के आह्वान पर शुक्रवार को आहूत भारत व्यापार बंद के दौरान राजधानी में ज्यादातर बाजार खुले रहे। व्यापारियों का कहना था कि वह भारत बंद के मकसद का समर्थन करते हैं लेकिन वह कारोबार बंद रखकर नुकसान नहीं...

नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) व्यापारिक संघों के आह्वान पर शुक्रवार को आहूत भारत व्यापार बंद के दौरान राजधानी में ज्यादातर बाजार खुले रहे। व्यापारियों का कहना था कि वह भारत बंद के मकसद का समर्थन करते हैं लेकिन वह कारोबार बंद रखकर नुकसान नहीं उठाना चाहते हैं। पंजाब और हरियाणा में भी व्यापारिक प्रतिष्ठानों में रोजना की तरह कामकाम हुआ।
देश के व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन ‘दि कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को देशभर में व्यापार बंद का आह्वान किया था। संगठन का कहना था कि 26 फरवरी को पूरे देश में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
कैट ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत पये प्रावधानों की समीक्षा किये जाने की मांग की है। उनका कहना है कि नये प्रावधानों में व्यापारियों को गिरफ्तार किये जाने और उनका जीएसटी नंबर समाप्त किये जाने जैसे प्रावधानों को वापस लिया जाना चाहिये।
कैट ने कहा था कि जीएसटी के कठोर प्रावधानों को स्थगित करने के लिये वह देशभर में 1,500 स्थानों पर धरना आयोजित करेगा। केन्द्र, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद के समक्ष इन प्रावधानों को रोकने के लिये आवाज उठाने के वास्ते यह आयोजन किया जायेगा।
चैबर आफ ट्रेड एण्ड इंडस्ट्री (सीटीआई) के अध्यक्ष ब्रिजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली में ज्यादातर बाजार खुले हैं लेकिन एसोसियेशन ने बंद को अपना समर्थन दिया है। चावड़ा बाजार और करोल बाग के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर 98 प्रतिशत बाजार, होटल, रेस्त्रां और औद्योगिक क्षेत्रों में काम खुला रहा है। हालांकि, इन सभी ने बंद को अपना समर्थन दिया है। ‘‘हमने 12.30 बजे के करीब कश्मीरी गेट में विरोध प्रदर्शन भी किया।’’
पंजाब के होशियारपुर, अमृतसर और तरन तारन में दुकानें और वाणिज्यक प्रतिष्ठानों में सामानय दिनों की तरह कामकाज हुआ और इनमें भारत बंद का कोई असर नहीं देखा गया। अमृतसर का साइकिल बाजार हो अथवा कपड़ा बाजार सभी जगह कामकाज सामान्य रहा।
अनेक व्यापारिक संघों का कहना था कि वह बंद के मकसद का समर्थन करते हैं लेकिन विभिन्न कारणों की वजह से उन्होंने अपने प्रतिष्ठान बंद नहीं किये हैं। हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र में भी बंद का कहीं कोई प्रभाव नहीं दिखा। अंबाला में सर्राफा बाजार, अनाज, कपड़ें का थोक बाजार और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठाान सामान्य दिनों की तरह खुले रहे।
नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसियेसन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा, ‘‘हम पूरी तरह से इसके समर्थन में हैं, बहरहाल, हमारे लिये इस बार बाजार में बंद के लिये जोर देना व्यवहारिक नहीं रहा। लॉकडाउन की वजह से व्यापारी पहले ही नुकसान में चल रहे हैं, उन पर किराये का काफी बोझ है। हम बंद की वजह का पूरी तरह से समर्थन करते हैं और मानते हैं कि जो मांग रखी गई है वह सही है।’’
खान मार्किट एसोसियेसन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किये। कहा कि मुद्दा सही है लेकिन कारोबरी पहले ही काफी नुकसान में हैं और हम एक दिन और इस नुकसान को नहीं बढ़ाना चाहते हैं।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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