खिलौना विनिर्माताओं से प्लास्टिक का उपयोग घटाने, पर्यावरण अनुकूल सामग्री लगाने की मोदी की अपील

Edited By PTI News Agency,Updated: 27 Feb, 2021 05:17 PM

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नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक बाजार में घरेलू उद्योग की हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए शनिवार को खिलौना विनिर्माताओं से प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने और पर्यावरण के अनुकूल व पुनर्चक्रण योग्य...

नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक बाजार में घरेलू उद्योग की हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए शनिवार को खिलौना विनिर्माताओं से प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने और पर्यावरण के अनुकूल व पुनर्चक्रण योग्य सामग्रियों का इस्तेमाल बढ़ाने का आह्वान किया।

मोदी ने भारत के पहले खिलौना मेला 2021 का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘हमें खिलौना क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा और वैश्विक बाजार की जरुरतों को भी पूरा करना होगा"।

उन्होंने बाजार में भारत की वर्तमान स्थिति पर खेद जताते हुए कहा कि 100 अरब डॉलर के वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है और देश में बिकने वाले लगभग 85 प्रतिशत खिलौने आयात किये जाते हैं।

उन्होंने कहा,‘‘खिलौनों के मामले में भारत के पास परंपरा और प्रौद्योगिकी है, भारत के पास अवधारणा और क्षमता है। हम दुनिया को पुन: पर्यावरण के अनुकूल खिलौने प्रदान कर सकते हैं। हमारे सॉफ्टवेयर इंजीनियर कंप्यूटर गेम के माध्यम से दुनिया के सामने भारत की कहानी रख सकते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने पारंपरिक खिलौना उद्योग का जिक्र करते हुए भारत में हाथ से बने उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आज मेड इन इंडिया की मांग है, तो भारत में हस्तनिर्मित की मांग भी समान रूप से बढ़ रही है। आज लोग न केवल खिलौने को एक उत्पाद के रूप में खरीदते हैं, बल्कि इसके साथ जुड़े अनुभव से भी जुड़ना चाहते हैं। अत: हमें भारत में भी हस्तनिर्मित खिलौनों को बढ़ावा देना होगा।’’
प्रधानमंत्री ने विनिर्माताओं से ऐसे खिलौने बनाने की अपील की, जो पारिस्थितिकी और मनोविज्ञान दोनों के लिये बेहतर हों। उन्होंने प्लास्टिक का उपयोग कम करने तथा पर्यावरण के अनुकूल व पुनर्चक्रण योग्य सामग्रियों का उपयोग बढ़ाने की अपील की।

मोदी ने सरकार की पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि देश ने अब 24 प्रमुख क्षेत्रों में खिलौना उद्योग को वर्गीकृत किया है। राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना भी तैयार की गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘इन उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है, ताकि देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बन सके और दुनिया भर में भारत के खिलौने पहुंच सकें। इस अभियान में खिलौना क्लस्टर विकसित करने के लिये राज्य सरकारों को बराबर का भागीदार बनाया गया है।’’
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही खिलौना पर्यटन की संभावनाओं को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। भारतीय खेल आधारित खिलौनों को बढ़ावा देने के लिये टॉयाथन -2021 का भी आयोजन किया गया और सात हजार से अधिक विचारों का मंथन किया गया।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर का उपयोग चेन्नापट्टनम, वाराणसी और जयपुर के पारंपरिक खिलौना निर्माताओं के साथ संवाद करने तथा बच्चों की बदलती रूचि को ध्यान में रखते हुए खिलौनों को नया बनाने व अधिक प्रासंगिक बनाने में करने की भी अपील की।

खिलौना मेला 2021 में एक हजार से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया। यह मेला दो मार्च तक जारी रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहला खिलौना मेला सिर्फ एक व्यावसायिक या आर्थिक आयोजन नहीं है। यह खेल की देश की पुरानी संस्कृति को मजबूत करना चाहता है। यह खिलौना मेला एक ऐसा मंच है, जहां कोई भी खिलौना डिजाइन, नवाचार, प्रौद्योगिकी, विपणन और पैकेजिंग पर चर्चा कर सकता है तथा अपने अनुभव भी साझा कर सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदारो और हड़प्पा के युग के खिलौनों पर शोध किया है।



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