Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Mar, 2021 10:18 PM
नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) तेल मंत्रालय का अनुमान है कि एक अप्रैल से शुरु होने वाले अगले वित्तवर्ष के दौरान भारत के इंधन खपत में करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। उसका मानना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार आने की वजह से पेट्रोल और डीजल की मांग...
नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) तेल मंत्रालय का अनुमान है कि एक अप्रैल से शुरु होने वाले अगले वित्तवर्ष के दौरान भारत के इंधन खपत में करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। उसका मानना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार आने की वजह से पेट्रोल और डीजल की मांग में इजाफा होगा।
मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) ने कहा कि वर्ष 2021-22 में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 21 करोड़ 52.4 लाख टन की हो सकती है, जबकि 31 मार्च को समाप्त चालू वित्तवर्ष के लिए संशोधित अनुमान के हिसाब से 19 करोड़ 59.4 करोड़ टन की खपत हुई।
यह छह वर्षों में ईंधन उत्पाद की खपत की सबसे तेज गति होगी।
अर्थव्यवस्था के अपने खराब संकुचन के दौर से बाहर निकलने और औद्योगिक गतिविधियों के बढ़ने से इंधन खपत के बढ़ने की संभावना है। कोविड-19 महामारी के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए लगाए गए दो महीने से अधिक समय के लॉकडाउन की वजह से मांग आधी से भी कम रह गई थी ।
अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने से मांग वापस लौटी है लेकिन देश में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन- डीजल, महामारी पूर्व के अपने खपत स्तर तक अभी वापस नहीं लौटा है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान ईंधन की खपत में 13.5 प्रतिशत की गिरावट रही।
पीपीएसी ने पेट्रोल और डीजल की बिक्री में 13.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है जबकि जेट ईंधन (एटीएफ) की खपत 74 प्रतिशत बढ़ रही है।इस दौरान रसोई गैस एलपीजी की माँग 4.8 प्रतिशत बढ़कर 2.9 करोड़ टन हो गई।
वर्ष 2021-22 में पेट्रोल की बिक्री 3.13 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि डीजल की बिक्री बढ़कर आठ करोड़ 36.7 लाख टन हो जाएगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।