Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Mar, 2021 10:01 PM
नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) बिजली मंत्री आर के सिंह ने बृस्पतिवार को कहा कि गांव में बिजली आपूर्ति का औसत दैनिक समय वर्ष 2019-20 में बढ़कर 18.5 घंटे हो गया हैं। यह औसत 2014-15 में 12.5 घंटे था।
नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) बिजली मंत्री आर के सिंह ने बृस्पतिवार को कहा कि गांव में बिजली आपूर्ति का औसत दैनिक समय वर्ष 2019-20 में बढ़कर 18.5 घंटे हो गया हैं। यह औसत 2014-15 में 12.5 घंटे था।
बिजली मंत्री बुधवार को बिजली मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। एक बयान में कहा गया है, "ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आर के सिंह ने सूचित किया कि ग्रामीण बिजली आपूर्ति की औसत अवधि वर्ष 2014-15 के 12.5 घंटे से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 18.5 घंटे हो गई है।"
संसद सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए, सिंह ने बताया कि हाल ही में बिजली मंत्रालय ने जो कुछ प्रमुख सुधार पहल की हैं, उनमें सार्वभौमिक बिजली पहुंच, विश्वसनीय, गुणवत्तायुक्त और स्थायी आपूर्ति, उपभोक्ताओं का सशक्तिकरण तथा हरित एवं स्वच्छ राष्ट्र जैसे सुधार पहल शामिल हैं।
उन्होंने उल्लेख किया कि 100 प्रतिशत गाँव के विद्युतीकरण के लक्ष्य को निर्धारित समय से 13 दिन पहले हासिल किया गया है जबकि सौभग्य योजना के तहत 100 प्रतिशत घरेलू विद्युतीकरण का काम किया गया है।
बिजली मंत्री ने कहा कि देश, अब बिजली की कमी वाले देश की जगह बिजली के अधिशेष वाला देश हो गया है क्योंकि मौजूदा समय में देश में बिजली की कुल स्थापित क्षमता 3.77 लाख मेगावाट की है, जबकि व्यस्त्तम समय में बिजली की मांग 1.89 लाख मेगावाट की है।
सिंह ने प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 में वितरण प्रतियोगिता के प्रावधानों को समझाया। इस नये विधेयक के तहत एक इलाके में कई वितरण कंपनियों को आपूर्ति के क्षेत्र में काम करने की अनुमति दी जाएगी। उपभोक्ता कोई भी वितरण कंपनी चुन सकते हैं। यह बेहतर सेवाओं, जवाबदेही, सेवा नवाचार और बिलिंग और संग्रह दक्षता को बढ़ायेगा।
मंत्री ने बताया कि अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के संबंध में, पेरिस जलवायु समझौते के तहत वर्ष 2022 तक 175 गीगावॉट के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य के लिए काम करने की दिशा में प्रयास जारी हैं।
बयान में कहा गया है कि सांसदों ने विनियामक तंत्र में सुधार, राज्यों में बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, बिजली उत्पादन राज्यों में आने वाले 10-15 वर्षों में बिजली की मांग में वृद्धि का विश्लेषण करने के लिए सर्वेक्षण करने आदि के बारे में सुझाव दिए।
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