केयर्न ने कहा, मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले का सम्मान करे भारत, 1.4 अरब डॉलर लौटाए

Edited By PTI News Agency,Updated: 07 Mar, 2021 12:08 PM

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नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) ब्रिटेन की ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी चाहती है कि भारत को पिछली तारीख से कराधान मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले का सम्मान करना चाहिए और उसे 1.4 अरब डॉलर लौटाने चाहिए।

नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) ब्रिटेन की ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी चाहती है कि भारत को पिछली तारीख से कराधान मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले का सम्मान करना चाहिए और उसे 1.4 अरब डॉलर लौटाने चाहिए।
केयर्न एनर्जी ने रविवार को कहा कि उसके शेयरधारक चाहते हैं कि कंपनी भारत सरकार से 1.4 अरब डॉलर की वसूली के लिए ‘मजबूत प्रवर्तन अधिकारों’ का इस्तेमाल करे। कंपनी के शेयरधारकों में दुनिया के कई शीर्ष वित्तीय संस्थान शामिल हैं।
केयर्न ने 21 दिसंबर के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, फ्रांस, सिंगापुर, जापान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा केमैन आइलैंड की अदालतों में अपील दायर की है।
यह विदेशों में भारत सरकार की संपत्तियों मसलन बैंक खातों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को भुगतान, विमानों और जहाजों को जब्त करने की कार्रवाई की दिशा में पहला कदम है।
सरकार यदि केयर्न के खिलाफ 10,247 करोड़ रुपये की कर की मांग के संबंध में कंपनी के जब्त कर के बेच दिए गए शेयरों का दाम, जब्त लाभांश तथा वापस नहीं किए गए कर रिफंड को लौटाती नहीं है, तो केयर्न ऐसा कदम उठा सकती है।
कुछ दिनों पहले वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की केयर्न के प्रतिनिधियों के साथ इस विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए तीन दौर की बात हो चुकी है। इस बातचीत में केयर्न के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) साइमन थॉमसन ने भी भाग लिया है।
केयर्न ने ट्विटर पोस्ट में लिखा है, ‘‘हमारे शेयरधारकों की स्थिति पर निगाह है। वे चाहते हैं कि भारत पंचनिर्णय का सम्मान करते हुए इस मामले को समाप्त करे। यदि भारत की ओर से इसमें देरी की जाती है, तो हमारे शेयरधारक हमसे प्रवर्तन के मजबूत अधिकारों के इस्तेमाल की उम्मीद कर रहे हैं।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संकेत दिया था कि भारत सरकार केयर्न एनर्जी मामले में अंतराष्ट्रीय पंचनिर्णय मंच के आदेश के खिलाफ अपील करेगी। मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने सरकार को आदेश दिया है कि वह कर संबंधी विवाद में ब्रिटेन की केयर्न एनजी कंपनी को 1.4 अरब डॉलर की राशि वापस करे।
सीतारमण ने कहा था कि यह उनका कर्तव्य बनता है कि वह ऐसे मामलों में अपील करें जहां राष्ट्र के कर लगाने के संप्रभु अधिकार पर सवाल उठाया गया हो।

दिलचस्प तथ्य यह है कि मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि इस मामले में निर्णय का आधार 2012 के कानून को दी गई चुनौती नहीं है। यह कानून सरकार को सौदों पर पिछली तारीख से कर लगाने का अधिकार देता है।



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