Edited By PTI News Agency,Updated: 07 Mar, 2021 02:48 PM
नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) सहारा इंडिया ने कहा है कि उसने सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लि. (एसआईएफसीएल) का लाइसेंस दो साल पहले ही स्वैच्छिक रूप से ‘सरेंडर’ कर दिया था। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ दिन पहले पात्रता के...
नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) सहारा इंडिया ने कहा है कि उसने सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लि. (एसआईएफसीएल) का लाइसेंस दो साल पहले ही स्वैच्छिक रूप से ‘सरेंडर’ कर दिया था। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ दिन पहले पात्रता के मानदंड का अनुपालन नहीं करने के लिए एसआईएफसीएल का उप-ब्रोकर पंजीकरण प्रमाणन रद्द कर दिया था। इसके बाद कंपनी का यह बयान आया है।
इससे पहले तीन मार्च को सेबी ने पात्रता मानदंड पर उपयुक्त नहीं बैठने की वजह से एसआईएफसीएल का उप-ब्रोकर के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया था।
सहारा इंडिया परिवार ने रविवार को बयान में कहा, ‘‘कंपनी स्वैच्छिक रूप से दो साल पहले ही लाइसेंस ‘सरेंडर’ कर चुकी है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘समूह द्वारा चार मार्च को सेबी के लिखे प़त्र में कहा गया है कि उसने तीन अक्टूबर, 2018 को एसआईएफसीएल का उप-ब्रोकर लाइसेंस आईडीबीआई कैपिटल को ‘सरेंडर’ कर दिया था। इस बारे में आठ अक्टूबर, 2018 को पत्र लिखा गया था।’’
बयान में कहा गया, ऐसा लगता है कि स्वैच्छिक रूप से लाइसेंस रद्द करने की जानकारी सेबी की निगाह से चूक गई है। ऐसे में सेबी का आदेश ‘‘सरेंडर करने की वजह से रद्द’ होना चाहिए था।
बयान में आगे कहा गया है, आठ अक्टूबर, 2018 को लिखे पत्र में एसआईएफसीएल ने कहा है कि उसने शुरुआत से जारी लाइसेंसों पर काम नहीं किया है। वह स्वैच्छिक रूप से दोनों लाइसेंस सरेंडर कर रही है।
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