एफडीआई आकर्षित करने, आर्थिक असमानता कम करने के लिये युवाओं में क्षमता विकास जरूरी: डेलॉयट सीईओ

Edited By PTI News Agency,Updated: 11 Apr, 2021 05:50 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) डेलॉयट के वैश्विक सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) पुनीत रंजन ने रविवार को कहा कि भारत में विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने तथा आर्थिक असमानता को कम करने के लिए भारत को प्रतिभावान युवाओं में क्षमता का विकास करना...

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) डेलॉयट के वैश्विक सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) पुनीत रंजन ने रविवार को कहा कि भारत में विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने तथा आर्थिक असमानता को कम करने के लिए भारत को प्रतिभावान युवाओं में क्षमता का विकास करना होगा और गुणवत्तायुक्त शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में विकास की काफी संभावनाएं हैं। बड़ा घरेलू बाजार तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसके योगदान जैसे कारणों को देखते हुए निश्चित रूप से यह सदी भारत की हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि डेलॉयट इंडिया ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर दहाई अंक में रहने का अनुमान जताया है। रंजन ने श्रीराम कॉलेज एंड कॉमर्स में श्रीम राम एकोनॉमिक्स समिट को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आगे का रास्ता पूरी तरह स्पष्ट है। विदेशी निवेश को आकर्षित करने और आर्थिक असमानता को कम करने के लिए, भारत को युवा प्रतिभाओं की क्षमता का विकास करना होगा, साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाना होगा।’’
यहां जारी एक बयान के अनुसार डेलॉयट के सीईओ ने कहा कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और नई-नई प्रौद्योगिकी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, जिनके लिए भारत दुनिया में सबसे ज्यादा संभावनाओं वाली अर्थव्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि अगले दशक में भारत में युवाओं की आबादी दुनिया में सबसे अधिक होगी लेकिन उनके पास अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये जरूरी कौशल का भी होना जरूरी है।
रंजन ने कहा, ‘‘भविष्य की नौकरियों के लिए कृत्रिम मेधा, क्लाउड और साइबर जैसी प्रौद्योगिकी की अहमियत काफी बढ़ जाएगी, नए कौशल की आवश्यकता होगी।’’
उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में बेहद प्रभावशाली शुरुआत है।

रंजन ने कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान भी भारत सरकार ने कई संरचनात्मक सुधार किये। विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को उदार बनाया जाना तथा हाल में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) का दायरा बढ़ाया जाना काफी सराहनीय है।

उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी निवेश के साथ, देश में खाद्य प्रसंस्करण, औषधि, रक्षा, अंतरिक्ष, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों में नौकरियों के काफी अवसर उत्पन्न होंगे।’’
रंजन ने यह भी कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह सदी भारत की है। इस महामारी से पहले, भविष्य की प्रौद्योगिकी के विकास में भारत की केंद्रीय भूमिका, इसके बड़े घरेलू बाजार और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को देखते हुए ज्यादातर लोगों की भविष्यवाणी थी कि यह सदी भारत की होगी और मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूं।’’
डेलॉयट के वैश्विक सीईओ ने यह भी कहा कि अमेरिका और दुनिया के दूसरे देशों के मुख्य कार्यपालक अधिक भारत के भविष्य के बारे में पहले से ही लगभग एकमत हैं और वे यहां के लोगों एवं यहां की उत्पादन क्षमताओं में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!