स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना से घरेलू उद्यमियों को नये विचारों को आगे बढ़ाने में मिलेगी मदद: गोयल

Edited By PTI News Agency,Updated: 19 Apr, 2021 11:30 PM

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नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना से घरेलू उद्यमियों और उनके कारोबारी विचारों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। आम तौर पर महत्वपूर्ण पूंजी के अभाव में...

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना से घरेलू उद्यमियों और उनके कारोबारी विचारों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। आम तौर पर महत्वपूर्ण पूंजी के अभाव में घरेलू उद्यमी और उनके कारोबारी विचार आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
सीड फंड शुरूआती इक्विटी पूंजी होती है, जिसे स्टार्टअप अथवा कोई भी उद्यमी कारोबार शुरू करने के लिये जुटाते हैं। इससे इकाइयों को अपने विचारों को हकीकत रूप देने में मदद मिलती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप और उभरते उद्यमियों को उनके विचारों को आगे बढ़ाने में मदद के लिये जनवरी में इस योजना की घोषणा की थी।
गोयल ने कहा कि प्राय: देखा गया है कि अच्छे विचार को अंतरराष्ट्रीय उद्यम पूंजीपति औने-पौने दाम में खरीद लेते हैं।

मंत्री ने योजना की शुरूआत करते हुए कहा, ‘‘इसके पीछे सोच विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे कारोबारी विचार रखने वाले खासकर स्टार्टअप के लिये कोष की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है। मुझे उम्मीद है कि यह योजना हमारे उन घरेलू उद्यमियों और उनके कारोबार में मदद करेगी जो प्राय: जरूरी पूंजी के अभाव में शुरूआती चरण में आगे नहीं बढ़ पाते।’’
उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि योजना से शुरूआती इक्विटी पूंजी प्राप्त होगी, इससे उद्यमी नवप्रवर्तन के लिये प्रोत्साहित होंगे, बदलावकारी विचारों को आगे बढ़ाने और उन्हें हकीकत रूप देने में उन्हें मदद मिलेगी।
गोयल ने कहा कि छोटे शहर प्राय: पर्याप्त वित्त पोषण से वंचित होते हैं। यह योजना छोटे एवं मझोले शहरों में मजबूत स्टार्टअप परिवेश सृजित करेगी।

योजना एक अप्रैल, 2021 से लागू होगी। पात्र स्टार्टअप को देश भर में पात्र पालनाघर (इनक्यूबेटर) के माध्यम से शुरूआती इक्विटी पूंजी उपलब्ध कराने के लिये कुल 945 करोड़ रुपये के कोष को अगले चार साल के लिये विभाजित किया जाएगा।
सरकार ने विशेषज्ञ परामर्श समिति (ईएसी) का गठन किया है जो योजना के क्रियान्वयन के लिये जवाबदेह होगी और उस पर नजर रखेगी।
देश में हर साल 7,500 से अधिक स्टार्टअप का गठन हो रहा है। ऐसे में उन स्टार्टअप के लिये शुरूआती इक्विटी पूंजी उपलब्ध कराना जरूरी है, जिनके पास अनूठे विचार हैं।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने शुरूआती स्टार्टअप के लिये वित्त पोषण की समस्या को दूर करने के लिये योजना की शुरूआत की है।

इससे स्टार्टअप को नमूने के विकास, परीक्षण, बाजार में प्रवेश और उसके वाणिज्यिकरण के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। योजना का मकसद करीब 3,600 उद्यमियों की 300 पालनाघरों के जरिये मदद करना है। इन पालनाघरों से उनके उद्यम को शुरुआती दिनों में आगे बढ़ने में देखभाल की जायेगी।
डीपीआईआईटी ने योजना के लिये ‘ऑनलाइन’ पोर्टल का विकास किया है। इसके जरिये पालनाघर कोष के लिये आवेदन कर सकते हैं।

ईएसी द्वारा चयनित पात्र पालनाघरों को 5 करोड़ रुपये तक का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।

चयनित पालनाघर नमूने के विकास या उत्पाद के परीक्षण के लिये 20 लाख रुपये तक का अनुदान स्टार्टअप को उपलब्ध कराएंगे।

साथ ही स्टार्टअप को बाजार में प्रवेश, वाणिज्यिकरण और कामकाज के व्यापक स्तर पर विस्तार के लिये परिवर्तनीय डिबेंचर या बांड से जुड़े उत्पादों के जरिये 50 करोड़ रुपये तक का निवेश उपलब्ध कराया जाएगा।


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