Edited By PTI News Agency,Updated: 20 Apr, 2021 07:09 PM
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तालचेर फर्टिलाइजर्स लि. (टीएफएल) द्वारा कोयला गैसीफिकेशन के जरिये उत्पादित यूरिया के लिए एक विशिष्ट सब्सिडी योजना को मंजूरी दी है। टीएफएल का गठन 2015 में हुआ था। यह गेल इंडिया लि., कोल...
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तालचेर फर्टिलाइजर्स लि. (टीएफएल) द्वारा कोयला गैसीफिकेशन के जरिये उत्पादित यूरिया के लिए एक विशिष्ट सब्सिडी योजना को मंजूरी दी है। टीएफएल का गठन 2015 में हुआ था। यह गेल इंडिया लि., कोल इंडिया लि., राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लि. और फर्टिलाइजर्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (एफसीआईएल) का संयुक्त उद्यम है।
टीएफएल द्वारा एफसीआईएल के पूर्ववर्ती तालचेर संयंत्र का पुनरुद्धार किया जा रहा है। इसके तहत वह ओडिशा में 12.7 लाख टन सालाना स्थापित क्षमता का नया यूरिया कारखाना लगा रही है। टीएफएल की यूरिया परियोजना की अनुमानित लागत 13,277.21 करोड़ रुपये है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीसीईए ने पहली बार देश में कोयला गैसीफिकेशन की नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि कोयला गैसीफिकेशन संयंत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोयला कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है और देश में यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
गोयल ने कहा, ‘‘भारत में कोयले का बड़ा भंडार है लेकिन गैस पर्याप्त नहीं है। ‘‘कोयले को गैस में बदलने और फिर गैस को यूरिया में बदलने से भारत आत्मनिर्भर बन सकेगा।’’ उन्होंने कहा कि तालचेर संयंत्र के जरिये यूरिया के उत्पादन को प्राकृतिक गैस पर निर्भरता घटेगी। इससे देश का एलएनजी आयात बिल कम होगा।
उन्होंने कहा इससे सालाना 12.7 लाख टन यूरिया आयात कम करने में मदद मिलेगी जिससे विदेशी मुद्रा बचाई जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि भारत में अपनी तरह की इस पहली परियोजना की लागत 13,277 करोड़ रुपये बैठेगी। भारत में यूरिया सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला उर्वरक है।
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