देश में 46 गीगावॉट के 38 बिजली संयंत्रों के पास सात दिन से कम का कोयला भंडार : आंकड़े

Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Apr, 2021 12:56 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) देश में 46,720 मेगावॉट की सामूहिक क्षमता के 38 बिजली संयंत्रों के पास बृहस्पतिवार तक सात दिन से भी कम का कोयला भंडार बचा था। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) के कोयले के दैनिक भंडार के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) देश में 46,720 मेगावॉट की सामूहिक क्षमता के 38 बिजली संयंत्रों के पास बृहस्पतिवार तक सात दिन से भी कम का कोयला भंडार बचा था। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) के कोयले के दैनिक भंडार के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
हालांकि, सीईए की 22 अप्रैल, 2021 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में 1,66,406 मेगावॉट की सामूहिक क्षमता के 135 बिजली संयंत्रों में किसी के पास कोयला भंडार की स्थिति गंभीर या अति गंभीर नहीं थी। यदि किसी संयंत्र के पास सात दिन से कम को कोयला भंडार शेष रहता है, तो यह गंभीर स्थिति मानी जाती है। वहीं तीन दिन से कम का कोयला भंडार अति गंभीर स्थिति होती है। सीईए रोजाना के आधार पर इन संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति की निगरानी करता है।
बिजली क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने कहा कि सीईए द्वारा किसी संयंत्र को कोयला भंडार के मामले में गंभीर या अति गंभीर के रूप में वर्गीकृत करने की वजहें हो सकती हैं, लेकिन तथ्य यह है कि बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी है। ऐसे में आगामी दिनों में पारा चढ़ने के साथ खपत बढ़ने से बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
देश में 31 मार्च, 2021 तक कुल स्थापित बिजली क्षमता 377 गीगावॉट की थी। इसमें 200 गीगावॉट कोयला आधारित, 48 मेगावॉट पन बिजली और 93 गीगावॉट अक्षय (सौर या पवन) ऊर्जा क्षमता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सौर या पन बिजली स्रोतों से गर्मियों में उत्पादन बढ़ेगा, लेकिन कोयला आधारित संयंत्र मुख्य लोड उठाते हैं, जो ग्रिड की स्थिरता और गर्मियों के सीजन की ऊंची मांग को पूरा करने के लिए जरूरी है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!