Edited By PTI News Agency,Updated: 15 Jun, 2021 10:58 PM
नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने बाद, उनके भाई आकाश ने मंगलवार को कहा कि इस खबर से राहत मिली, लेकिन पीड़ा का अहसास भी हुआ।
नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने बाद, उनके भाई आकाश ने मंगलवार को कहा कि इस खबर से राहत मिली, लेकिन पीड़ा का अहसास भी हुआ।
दरअसल, नताशा और आकाश के पिता महावीर का पिछले महीने कोविड-19 के चलते देहांत हो गया था। पिता की मृत्यु के बाद नताशा को तीन सप्ताह की जमानत मिली थी और जमानत अवधि समाप्त होने के बाद उन्होंने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था।
नताशा से पांच साल छोटे आकाश ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''मुझे कल (सोमवार) रात 11 बजे पता चला कि जमानत पर आज सुनवाई होनी है। मैं उस समय प्रतिक्रिया नहीं दे सका। मैं खुश था कि मामला सुनवाई के लिए पेश किया जा रहा है, लेकिन परिणाम के बारे में निश्चित नहीं था।''
आकाश ने कहा कि बड़ी बहन को जमानत मिलने की खबर सुनकर उन्होंने राहत महसूस की।
उन्होंने कहा, ''जब पिताजी का देहांत हुआ, तब मैं बेहद दुखी था कि नताशा उनसे बात नहीं कर पाई। मुझे पूरी उम्मीद है कि उनकी दुआएं नताशा के साथ थीं।''
आकाश ने कहा कि जमानत की खबर से मुझे राहत मिली और साथ ही पीड़ा भी हुई। उसने कहा कि पिता होते तो अपनी बेटी को देखकर कितने खुश होते।
अंतरिम जमानत पर बहन के रिहा होने के समय को याद करते हुए आकाश ने कहा कि वह कोरोना वायरस निगेटिव होने के बावजूद उस स्थिति में नहीं थे कि बात कर सकें।
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