एनसीएलटी ने वीडियोकॉन के परिसामपन मूल्यांकन की गोपनीयता को लेकर संदेह जताया, जांच का निर्देश

Edited By PTI News Agency,Updated: 16 Jun, 2021 08:53 PM

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नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने ऋण शोधन प्रक्रिया के तहत वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज और उसकी 12 समूह कंपनियों की संपत्ति के परिसमापन मूल्यांकन की गोपनीयता को लेकर संदेह जताया है।

नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने ऋण शोधन प्रक्रिया के तहत वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज और उसकी 12 समूह कंपनियों की संपत्ति के परिसमापन मूल्यांकन की गोपनीयता को लेकर संदेह जताया है।
न्यायाधिकरण ने भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) से इस मामले की गहराई से जांच करने को कहा है ताकि यह सुनिश्चित हो कि गोपनीयता उपबंध का पालन बिना किसी समझौते के किया गया है।

वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज तथा उसकी 12 समूह कंपनियों का परिसमापन मूल्यांकन 2,568.1 करोड़ रुपये आंका गया और संपत्ति का बाजार मूल्य 4,069.95 करोड़ रुपये था। ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज ने समाधान योजना के तहत 2,962.02 करोड़ रुपये की बोली जमा की थी।

पंजीकृत मूल्यांकनकर्ताओं ने वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों की संपत्ति का मूल्यांकन तय किया। ये कंपनियां तेल एवं गैस से लेकर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण, दूरसंचार सेवाएं, डिजिटल समाधान, रियल एस्टेट और इलेक्ट्रॉनिक्स खुदरा क्षेत्र में काम कर रही थी।

एनसीएलटी ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक है कि समाधान योजना के तहत आवेदन करने वाली ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज ने संपत्ति और देनदारियों का लगभग वही मूल्य निर्धारित किया जो पंजीकृत मूल्यांकनकर्ताओं ने तय किया था।’’
कंपनी ऋण शोधन अक्षमता समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के नियमों के तहत दो पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता परिसमापन मूल्य तय करते हैं और बाजार मूल्य के साथ इसे गोपनीय बनाये रखते हैं। केवल बोलियों को अंतिम रूप दिये जाने के समय ही कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को इसकी सूचना दी जाती है।

वीडियोकॉन के मामले में समाधान बोलियां सीओसी की दो सितंबर, 2020 को हुई 15वीं बैठक के दौरान खुली। इसी दौरान परिसमापन मूल्य और बाजार मूल्य की जानकारी दी गयी।

एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने नौ जून के अपने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए, भले ही गोपनीयता उपबंध अस्तित्व में हो, ऊपर चर्चा किए गए तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर इसको लेकर संदेह उत्पन्न होता है। इसलिए हम आईबीबीआई से इस मुद्दे की गहराई से जांच करने का अनुरोध करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीआईआरपी से जुड़े सभी संबंधित पक्षों, संस्थाओं द्वारा किसी भी समझौते के बिना, गोपनीयता उपबंध क अक्षरश: पालन किया गया है।’’
एचपी चतुर्वेदी और रविकुमार दुरईसामी की एनसीएलटी पीठ ने नौ जून को ट्विन-स्टार टेक्नोलॉजीज की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। कंपनी ने मंगलवार को विस्तृत आदेश की सूचना दी।

न्यायाधिकरण ने आईबीबीआई को कॉरपोरेट देनदारों की संपत्ति के मूल्य को अधिकतम करने के लिए ‘उचित नियम, सुरक्षा उपाय’ तैयार करने का भी सुझाव दिया, जिससे सभी पक्षों को लाभ होगा।



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