बीते सप्ताह पामोलीन और सोयाबीन तेल में सुधार; सरसों, मूंगफली में गिरावट

Edited By PTI News Agency,Updated: 03 Oct, 2021 12:01 PM

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नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) देश की मंडियों में नयी तिलहन फसलों की आवक बढ़ने के बीच बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली (तेल तिलहन), बिनौला और सोयाबीन (तिलहन) के भाव में गिरावट का रुख रहा। जबकि विदेशों में भाव मजबूत होने...

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) देश की मंडियों में नयी तिलहन फसलों की आवक बढ़ने के बीच बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली (तेल तिलहन), बिनौला और सोयाबीन (तिलहन) के भाव में गिरावट का रुख रहा। जबकि विदेशों में भाव मजबूत होने से सोयाबीन और पामोलीन तेल के भाव में मजबूती दिखी।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि मंडियों में मूंगफली की नयी फसल की आवक शुरू होने वाली है जबकि बिनौला की आवक शुरू हो चुकी है। नयी फसल आने के समय सामान्य तौर पर हाजिर भाव टूटते हैं और इसी वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में इन दो तेलों के भाव नरमी के रुख के साथ बंद हुए। किसानों को मूंगफली का अपना पुराना माल भी बेचते देखा गया।
सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के मामले में बाजार पर असर सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) का अधिक होता है जो बाजार का रुख तय करते हैं। डीओसी के आयात की छूट के बाद स्थानीय उत्पादन को खपाने की चिंता पैदा हुई है। इसी कारण से सोयाबीन दाना और सोयाबीन लूज के भाव समीक्षाधीन सप्ताह में हानि दर्शाते बंद हुए।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सीपीओ और सोयाबीन के दाम बढ़ा दिये जाने से सोयाबीन तेल के भाव मजबूत हो गये। सोयाबीन का दाम पहले के 1,350 डॉलर के मुकाबले बढ़ाकर 1,385 डॉलर प्रति टन कर दिया गया जबकि सीपीओ का दाम पहले के 1,220 डॉलर से बढ़ाकर 1,260 डॉलर प्रति टन कर दिया गया। इस वृद्धि की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दिल्ली और सोयाबीन इंदौर तेल की कीमतों में सुधार आया।
उन्होंने कहा कि पहले पामोलीन का आयात सस्ता पड़ता था और अब यह महंगा पड़ने लगा है। यही वजह है कि पामोलीन तेल के दाम मजबूत हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि सरसों के मामले में देखें, तो वायदा कारोबार में पिछले सप्ताह के मुकाबले इसके भाव 200-250 रुपये प्रति क्विंटल घटे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन इस भाव के टूटने का अधिक असर हाजिर भाव पर नहीं आया। पिछले सप्ताह के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों दाना (तिलहन) और सरसों दादरी के भाव में क्रमश: 40-40 रुपये की गिरावट आई है।
उन्होंने कहा कि अपने विगत सप्ताह में देश की मंडियों में सरसों की आवक लगभग 2.35 लाख बोरी की थी जो समीक्षाधीन सप्ताह में घटकर लगभग एक लाख बोरी रह गई है। आने वाले दिनों में यह आवक काफी कम हो जायेगी क्योंकि कुछेक बड़े किसानों के पास थोड़ा बहुत (लगभग 18-20 लाख टन) स्टॉक को छोड़कर किसी के पास कोई स्टॉक नहीं रह गया है जबकि त्योहारों का मौसम नजदीक है और सरसों की अगली परिपक्व फसल मार्च के पहले हफ्ते में आने की उम्मीद है। वैसे सरसों की आवक फरवरी के उत्तररार्द्ध में शुरू हो जायेगी पर उससे प्राप्त होने वाले तेल में हरापन होता है। परिपक्व सरसों मार्च के पहले सप्ताह तक आयेगा।
उन्होंने कहा कि महंगा होने के कारण सरसों की मांग पहले के मुकाबले 10-12 प्रतिशत कम हुई है। लेकिन जितनी भी मांग है, उसके मुकाबले आपूर्ति बहुत ही कम है। पिछले साल मंडियों में लगभग 1.5 लाख बोरी की मंडियों में आवक थी और सहकारी संस्थायें- हाफेड, नेफेड और राज्य सरकार की एजेंसियां रोजाना 2-2.25 लाख बोरी बेच रही थीं क्योंकि उन्होंने पहले से सरसों खरीद रखा था। इस बार तो इन संस्थाओं के पास भी कोई स्टॉक नहीं है। इस परिस्थिति के मद्देनजर कुछ सरसों विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को गेहूं की ही तरह सरसों का भी लगभग 10 लाख टन का स्थायी स्टॉक रखना चाहिये जो समय पर हमारे काम आ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना इसलिए बेहतर है क्योंकि सरसों 10-12 साल खराब नहीं होता।
उन्होंने कहा कि आगामी सर्दियों के मौसम में सरसों की मांग और बढ़ेगी और इस तेल का और कोई विकल्प भी नहीं है जिसका सोयाबीन की तरह आयात किया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 40 रुपये की गिरावट दर्शाता 8,750-8,775 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,765-8,815 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव 40 रुपये घटकर 17,720 रुपये क्विंटल रह गया। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल कीमतें क्रमश: 2,685-2,735 रुपये और 2,770-2,880 रुपये प्रति टिन के पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर पर टिकी रहीं।
समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 1,000 रुपये और 800 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 5,400-5,600 रुपये और 5,200-5,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
दूसरी ओर विदेशों में भाव मजूत होने के कारण सोयाबीन दिल्ली और सोयाबीन इंदौर के भाव क्रमश: 40 रुपये और 10 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 14,340 रुपये और 13,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। सोयाबीन डीगम के भाव अपरिवर्तित रहे।
समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव में गिरावट आई। मूंगफली का भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में 350 रुपये की हानि के साथ 6,250-6,395 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली गुजरात का भाव 770 रुपये की हानि के साथ 14,280 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड का भाव 155 रुपये की हानि दर्शाता 2,140-2,270 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 11,430 रुपये क्विंटल पर अपरिवर्तित बना रहा। जबकि पामोलीन दिल्ली तथा तथा पामोलीन कांडला तेल के भाव क्रमश: 100 रुपये और 60 रुपये का लाभ दर्शाते क्रमश: 13,100 रुपये और 12,020 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताहांत में बिनौला तेल का भाव 100 रुपये की गिरावट के साथ 13,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।


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