Edited By PTI News Agency, Updated: 20 May, 2022 12:55 AM

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की स्थाई लोक अदालतों के पास न्याय-निर्धारण करने और गुण-दोष के आधार पर पक्षों के बीच के विवाद पर फैसला करने का अधिकार है।
नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की स्थाई लोक अदालतों के पास न्याय-निर्धारण करने और गुण-दोष के आधार पर पक्षों के बीच के विवाद पर फैसला करने का अधिकार है।
न्यायमूर्ति डी. वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि स्थाई लोक अदालतें अब भी चरण-दर-चरण प्रक्रिया का पालन करने को बाध्य हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘स्थाई लोक अदालत पहले सुलह कराने का प्रयास करेगी, फिर वह पक्षों के बीच समझौता कराने का प्रयास करेगी। लेकिन अगर पक्ष समझौता नहीं करते हैं और वह मामला किसी अपराध से जुड़ा नहीं हुआ है तो वह मुकदमे की सुनवाई करेगी। प्रावधान 22-डी कहता है कि स्थाई लोक अदालत को गुण-दोष के आधार पर पक्षों के बीच मुकदमा तय करने का अधिकार है।’’
उच्चतम न्यायालय कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ के एक फैसले को चुनौती देने वाली केनरा बैंक की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी।
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