Edited By PTI News Agency,Updated: 24 May, 2022 09:07 PM
नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) सरकार की गेहूं खरीद विपणन वर्ष 2022-23 में पिछले वित्तवर्ष की तुलना में अब तक 53 प्रतिशत घटकर 182 लाख टन रह गई है। इसका मुख्य कारण निर्यात के लिए निजी कारोबारियों द्वारा गेहूं की आक्रामक खरीदारी करना है। सरकारी...
नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) सरकार की गेहूं खरीद विपणन वर्ष 2022-23 में पिछले वित्तवर्ष की तुलना में अब तक 53 प्रतिशत घटकर 182 लाख टन रह गई है। इसका मुख्य कारण निर्यात के लिए निजी कारोबारियों द्वारा गेहूं की आक्रामक खरीदारी करना है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
रबी विपणन वर्ष अप्रैल से मार्च तक चलता है लेकिन अधिकांश खरीद जून तक समाप्त हो जाती है। पिछले विपणन वर्ष में अबतक की सर्वाधिक 433.44 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य की खरीद एजेंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर इस अनाज की खरीद करती हैं।
गेहूं उत्पादन में गिरावट और निर्यात में वृद्धि के कारण मौजूदा वर्ष के लिए गेहूं खरीद लक्ष्य को संशोधित कर 195 लाख टन कर दिया गया है, जो पहले 444 लाख टन था।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में सरकारी एजेंसियों द्वारा गेहूं की खरीद कम रही।
विपणन वर्ष 2022-23 में सरकार की गेहूं खरीद घटकर 96 लाख टन रह गई, जबकि एक साल पहले यह 132 लाख टन रही थी।
इसी तरह हरियाणा में गेहूं की खरीद 84 लाख टन से घटकर 40 लाख टन रह गई, जबकि मध्य प्रदेश में इसी अवधि के दौरान खरीद पहले के 118 लाख टन से घटकर 42 लाख टन रह गई।
उत्तर प्रदेश में विपणन वर्ष 2022-23 में गेहूं की खरीद तेज गिरावट के साथ 2.64 लाख टन रह गई, जो एक साल पहले की अवधि में 33 लाख टन रही थी।
सूत्रों ने कहा कि राजस्थान के मामले में इसी अवधि में 16 लाख टन की तुलना में खरीद सिर्फ 1,010 टन की हुई।
सूत्रों ने सरकार की खरीद में तेज गिरावट का की वजह निर्यात करने के लिए निजी कंपनियों द्वारा की गई आक्रामक खरीदारी को बताया।
सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण के लिए 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 64.1 लाख टन रहने अनुमान है।
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