Edited By PTI News Agency,Updated: 15 Jun, 2022 04:13 PM
नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके का प्रभाव बढ़ाती है और ओमीक्रोन के बीए.1.1 तथा बीए.2 स्वरूपों के खिलाफ प्रतिरक्षा को मजबूत करती है। आईसीएमआर और भारत बायोटेक के अध्ययन में यह बात...
नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके का प्रभाव बढ़ाती है और ओमीक्रोन के बीए.1.1 तथा बीए.2 स्वरूपों के खिलाफ प्रतिरक्षा को मजबूत करती है। आईसीएमआर और भारत बायोटेक के अध्ययन में यह बात कही गई है।
अध्ययन में कहा गया है कि सीरियन हैमस्टर मॉडल (मनुष्य से जुड़ी बीमारियों का अध्ययन करने वाले पशु मॉडल) में डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीकाकरण की दो तथा तीन खुराक के बाद भारत बायोटेक के कोवैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षात्मक क्षमता तथा ओमीक्रोन के स्वरूपों के खिलाफ इसके प्रभाव का अध्ययन किया गया।
इस अध्ययन के नतीजे मंगलवार को बायोआरक्सिव में प्रकाशित हुए।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक ने कहा, ‘‘डेल्टा संक्रमण के अध्ययन में, जब हमने दूसरी तथा तीसरी खुराक के बीच सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया की तुलना की, तो हम बूस्टर खुराक के फायदे को देख पाए। यद्यपि समूहों के बीच वायरस को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी का स्तर तुलनात्मक था लेकिन टीकाकरण की तीन खुराकों के बाद फेफड़ों की बीमारी की गंभीरता कम पायी गयी।’’
दूसरे अध्ययन में तीसरी खुराक के बाद ओमीक्रोन के स्वरूपों-बीए.1 और बीए.2 के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया का अध्ययन किया गया। अध्ययन में प्लेसेबो समूहों के मुकाबले टीके की खुराक लेने वाले समूहों में कम वायरस शेडिंग, फेफड़ों का कम संक्रमण और फेफड़े की बीमारी की गंभीरता कम पायी गयी।
अध्ययन में कहा गया है, ‘‘मौजूदा अध्ययन के सबूत दिखाते हैं कि कोवैक्सीन बूस्टर टीकाकरण से सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा बढ़ जती है और डेल्टा तथा ओमीक्रोन स्वरूप संबंधी बीमारी की गंभीरता कम हो जाती है।’’
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