Edited By PTI News Agency,Updated: 20 Jun, 2022 04:52 PM
नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) इस्पात उद्योग के निकाय आईएसएसडीए ने इस्पात उत्पादों पर शुल्क लगाने वाले सरकार के कदम को ''बिना सोचे-समझे'' उठाया गया कदम बताते हुए कहा है कि इससे घरेलू इस्पात उद्योग को झटका लगा है।
नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) इस्पात उद्योग के निकाय आईएसएसडीए ने इस्पात उत्पादों पर शुल्क लगाने वाले सरकार के कदम को 'बिना सोचे-समझे' उठाया गया कदम बताते हुए कहा है कि इससे घरेलू इस्पात उद्योग को झटका लगा है।
सरकार ने गत 21 मई को इस्पात उद्योग में कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले कोकिंग कोल और फेरोनिकल के आयात पर सीमा शुल्क माफ करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही लौह अयस्क के निर्यात पर लगने वाले शुल्क में 50 प्रतिशत तक और कुछ अन्य इ्स्पात सामग्रियों पर 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की भी घोषणा की थी।
इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) के अध्यक्ष के के पाहूजा ने एक बयान में कहा, "निर्यात शुल्क को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने के फैसले ने घरेलू इस्पात उद्योग को तगड़ा झटका दिया है। घरेलू इस्पात कंपनियां तो वर्ष 2030 तक इस्पात क्षमता को दोगुना कर 30 करोड़ टन करने के सरकार के महत्वकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश में लगा हुआ था।"
उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि निर्यात शुल्क बढ़ाने के पीछे सरकार का उद्देश्य इस्पात की कीमतों को कम करना था। हालांकि कीमतों में गिरावट का रुख दिखना शुरु हो गया था।
हालांकि पाहूजा ने कुछ आयातित कच्चे माल पर सीमा शुल्क घटाने के फैसले की सराहना भी की।
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