जोखिम-आधारित पूंजी, पर्यवेक्षण ढांचे पर काम कर रहा इरडा: चेयरमैन पांडा

Edited By PTI News Agency,Updated: 22 Jun, 2022 07:11 PM

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नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) बीमा नियामक इरडा अन्य देशों द्वारा अपनाई गई गतिविधियों के अनुरूप जोखिम-आधारित पूंजी ढांचे की ओर बढ़ने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है, ताकि पूंजी का अनुकूलतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। बीमा नियामक इरडा के अध्यक्ष...

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) बीमा नियामक इरडा अन्य देशों द्वारा अपनाई गई गतिविधियों के अनुरूप जोखिम-आधारित पूंजी ढांचे की ओर बढ़ने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है, ताकि पूंजी का अनुकूलतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। बीमा नियामक इरडा के अध्यक्ष देवाशीष पांडा ने बुधवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) पर्यवेक्षण ढांचे में सुधार की दिशा में भी काम कर रहा है, जो प्रौद्योगिकी द्वारा सक्षम जोखिम पर आधारित होगा।

नीति शोध केंद्र (सीपीआर) के स्टेट कैपेसिटी इनिशिएटिव द्वारा आयोजित ‘अपने नियामक को जानिए’ शीर्षक वाली एक वार्ता श्रृंखला में पांडा ने कहा, ‘‘हम सॉल्वेंसी या कारक-आधारित पद्धति से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि एक जोखिम-आधारित पूंजी ढांचे के जरिए जोखिम को संभाला जा सके।’’
इस कार्यक्रम को भारतीय नियामक संघ (एफओआईआर) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) के साथ मिलकर आयोजित किया गया।
वर्तमान पूंजी ढांचे की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि 100 रुपये के जोखिम के लिए आपको 100 रुपये का प्रावधान करने को कहा जा रहा है और 150 रुपये के जोखिम के लिए आपको 100 रुपये का प्रावधान करने के लिए कहा जाता है। कभी-कभी 50 रुपये के लिए भी 100 रुपये मांगे जाते हैं।
पांडा ने कहा, ‘‘साफ है कि यह पूंजी के उपयोग का अनुकूलतम तरीका नहीं है। आज ऐसे देश और नियामक हैं, जहां जोखिम-आधारित पूंजी व्यवस्था पहले से मौजूद है। इसलिए, हमने भी यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब हमारे पास एक समर्पित कार्यक्षेत्र है। हम जोखिम आधारित पूंजी व्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए एक मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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