Edited By PTI News Agency,Updated: 30 Jun, 2022 09:24 PM
नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) शेयरधारिता ढांचे के खुलासे में अधिक स्पष्टता एवं पारदर्शिता लाने के मकसद से बाजार नियामक सेबी बृहस्पतिवार को सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए एक नया प्रारूप लेकर आया है।
नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) शेयरधारिता ढांचे के खुलासे में अधिक स्पष्टता एवं पारदर्शिता लाने के मकसद से बाजार नियामक सेबी बृहस्पतिवार को सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए एक नया प्रारूप लेकर आया है।
इसके साथ ही बाजार नियामक ने एक परिपत्र में कहा कि सभी सूचीबद्ध संस्थाओं को एक परिपत्र के अनुसार निर्धारित ‘फॉर्मेट’ में विदेशी स्वामित्व सीमा से संबंधित विवरण का खुलासा करना होगा। सेबी ने कहा कि यह परिपत्र सितंबर तिमाही से ही प्रभावी हो जाएगा।
सार्वजनिक शेयरधारिता के खुलासे में सूचीबद्ध इकाई के एक प्रतिशत या उससे अधिक शेयर रखने वाले शेयरधारकों के नामों का खुलासा किया जाना है। इसके अलावा एक साथ काम करने वाले शेयरधारकों के नाम अलग से जाहिर करने होंगे।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) सार्वजनिक शेयरधारकों और गैर-प्रवर्तक गैर-सार्वजनिक शेयरधारकों के शेयरधारिता ढांचे के खुलासे से संबंधित नए प्रारूपों के साथ सामने आया।
शेयरधारिता ढांचे से संबंधित नए खुलासा प्रारूप में सेबी ने शेयरों के उप-वर्गीकरण के लिए एक नया कॉलम जोड़ा है।
शेयरों का उप-वर्गीकरण तीन उप-श्रेणियों के तहत शेयरधारिता पर आधारित होगा। पहली उप-श्रेणी उन शेयरधारकों की होगी जिनका प्रतिनिधित्व सूचीबद्ध इकाई के बोर्ड में नामित निदेशक करता है या उन्हें एक प्रतिनिधि (निदेशक) नामित करने का अधिकार होता है।
शेयरधारकों की दूसरी उप-श्रेणी में सूचीबद्ध इकाई के साथ समझौता करने वाले शेयरधारक होंगे जबकि तीसरी उप-श्रेणी प्रवर्तक के साथ मिलकर काम करने वाले शेयरधारकों की होगी।
सेबी के अनुसार, प्रत्येक शेयरधारक श्रेणी का वर्गीकरण और खुलासा प्रारूप में निर्धारित क्रम में किया जाना चाहिए। यदि कोई शेयरधारक एक से अधिक श्रेणी के अंतर्गत आता है तो उसे प्रारूप में निर्धारित क्रम में पहले आने वाली श्रेणी में वर्गीकृत किया जाएगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।