निर्यात बढ़ाने के लिए किसानों को धान, गेहूं बुवाई बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें राज्य : गोयल

Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Jul, 2022 08:44 PM

pti state story

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को राज्यों से कहा कि वे किसानों को धान और गेहूं के लिए बुवाई का रकबा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि घरेलू उत्पादन बढ़ने से देश का निर्यात...

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को राज्यों से कहा कि वे किसानों को धान और गेहूं के लिए बुवाई का रकबा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि घरेलू उत्पादन बढ़ने से देश का निर्यात भी बढ़ेगा।
भारत में खाद्य और पोषण सुरक्षा पर राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने राज्य सरकारों से कहा कि वे पुराने खातों के त्वरित निपटान के लिए 2019-20 तक के वित्त वर्षों के लिए अपने लंबित खाद्य सब्सिडी दावों को जल्द से जल्द जमा करायें।
गोयल ने राज्य सरकारों से कहा कि पुराने खाद्य सब्सिडी दावों को निपटाने के लिए केंद्र के पास धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन देरी इसलिए हुई क्योंकि राज्य उचित दस्तावेजों के साथ अपने दावे दाखिल नहीं कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों से 15 अगस्त तक सभी सहायक कागजात और ऑडिट रिपोर्ट के साथ अपने दावे प्रस्तुत करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक दावा दायर करने वाले राज्यों को 15 अक्टूबर तक उनका बकाया मिल जाएगा। हालांकि, अगर 30 सितंबर तक कागजात दाखिल किए जाते हैं, तो बिना किसी ब्याज के जनवरी, 2023 तक दावों का निपटारा किया जाएगा।
गोयल ने कहा, ‘‘अक्सर राज्य यह कहते हुए हमारे पास आते हैं कि हमारे पास पुराने लंबित सब्सिडी दावे हैं। बहुत बार सब्सिडी के दावे इसलिए नहीं लंबित रहते हैं क्योंकि धन उपलब्ध नहीं है, बल्कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके द्वारा जरूरी आंकड़े नहीं दिये जाते और वे जरूरी ऑडिट नहीं करा पाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम वर्ष 2019-20 तक सभी का बकाया चुकाने के लिए तैयार हैं ... यदि आप आवश्यक दस्तावेजों को जमा कराने के साथ अपना दावे जमा नहीं कराते हैं, तो हम आपके दावों को शून्य मानेंगे और हम 2019-20 तक की ऐसी सभी फाइलों को बंद कर देंगे।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र एक नई सब्सिडी दावा निपटान नीति लेकर आया है और राज्यों से इसपर सुझाव देने को कहा गया है।
गोयल ने कहा कि 2020-21 के बाद के दावों को राज्य सरकारों द्वारा ऑनलाइन दायर किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों से चावल और गेहूं की बुवाई का रकबा बढ़ाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे हमें निर्यात बढ़ाने और किसानों की मदद करने में मदद मिलेगी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग बढ़ रही है।’’ भारत ने फिलहाल गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि मार्च में गर्मी की वजह से देश का उत्पादन और सरकार की खरीद प्रभावित हुई थी।
मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘एक देश एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना पहले ही देशभर में लागू की जा चुकी है और इस पहल के तहत 45 करोड़ लेनदेन पहले ही हो चुके हैं।
गोयल ने राज्यों से कहा कि वे आगे चलकर आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने के साथ-साथ टीकाकरण के लिए भी ओएनओआरसी का उपयोग करें। उत्तर प्रदेश ने मुफ्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए इस प्रणाली का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी निराशा जताई कि कई राज्यों के खाद्य मंत्री इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुए।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!