खाने के बिल में सेवा शुल्क पर पाबंदी बिना किसी कानूनी आधार के: एनआरएआई

Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Jul, 2022 04:12 PM

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नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) रेस्तरां संगठन एनआरएआई ने बुधवार को कहा कि सरकार महज दिशानिर्देश बनाकर खाने के बिल में सेवा शुल्क लगाने पर पाबंदी नहीं लगा सकती। उसने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा होटल और रेस्तरांओं...

नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) रेस्तरां संगठन एनआरएआई ने बुधवार को कहा कि सरकार महज दिशानिर्देश बनाकर खाने के बिल में सेवा शुल्क लगाने पर पाबंदी नहीं लगा सकती। उसने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा होटल और रेस्तरांओं पर सेवा शुल्क वसूलने से रोक के आदेश से ग्राहकों के बीच अनावश्यक भ्रम पैदा हुआ है। इससे रेस्तरांओं के सुचारू कामकाज पर असर पड़ा है।

भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) ने आरोप लगाया कि बिना किसी कानूनी आधार के बार-बार दिशानिर्देश जारी कर रेस्तरां उद्योग के खिलाफ अभियान चलाने का प्रयास किया गया है। सेवा शुल्क कुल बिल मूल्य का हिस्सा है और न तो सरकार और न ही कोई प्राधिकरण इस संदर्भ में रेस्तरां मालिक के निर्णय में हस्तक्षेप कर सकता है।

एनआरएआई ने एक बयान में कहा कि कुल कीमत में सेवा शुल्क मालिक के विवेकाधिकार या निर्णय का हिस्सा है। यह कीमत ग्राहकों को उत्पाद की बिक्री या सेवा के बदले में देनी होती है।

बयान के अनुसार, ‘‘यह उत्पाद की कुल कीमत का एक हिस्सा है। इस संदर्भ में रेस्तरां मालिकों के निर्णय में न तो सरकार और न ही प्राधिकरण हस्तक्षेप कर सकता है। यह ऐसा चलन जिसे हर जगह स्वीकार किया जाता है।’’
एनआरएआई ने यह भी दावा किया कि सेवा शुल्क लगाने की वैधता या औचित्य पर उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग, पूर्ववर्ती एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार आयोग और आयकर प्राधिकरण (आईटीएटी) ने विचार किया है और कई न्यायिक फैसलों में इसे बरकरार रखा गया है।
बयान में कहा गया है, ‘‘इसलिए यह मालिकों का विवेकाधिकार है कि वह अपना कारोबार कैसे चलाएं और उत्पाद के मूल्य निर्धारण के संबंध में क्या नीति अपनाई जाए। सरकार दिशानिर्देश बनाकर सेवा शुल्क लगाने के संबंध में कोई बदलाव नहीं ला सकती है।’’

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने सोमवार को होटल और रेस्तरांओं को खाने के बिल में स्वत: लगने वाला सेवा शुल्क जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया। साथ ही उपभोक्ताओं को इस मामले में जरूरत पड़ने पर शिकायत की अनुमति भी दी।

एनआरएआई ने कहा कि ग्राहक जब ऑर्डर देते हैं, वे कीमत के बारे में पूरी तरह से अवगत होते हैं।


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