Edited By PTI News Agency,Updated: 27 Jul, 2022 10:48 PM
नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने बुधवार को आनुवंशिक रूप से संवर्धित फसलों के उपयोग के लिए जोरदार पैरोकारी की।
नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने बुधवार को आनुवंशिक रूप से संवर्धित फसलों के उपयोग के लिए जोरदार पैरोकारी की।
उन्होंने कहा कि यदि फसल विज्ञान में हुई प्रगति की अनदेखी की गई तो देश की खाद्य सुरक्षा प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकती है।
पवार ने यहां अन्नासाहेब शिंदे शताब्दी स्मारक व्याख्यान में कहा कि यूरोपीय देशों ने भी कोविड महामारी और हाल में सामने आए खाद्य संकट के मद्देनजर आनुवंशिक रूप से संवर्धित (जीएम) फसलों के बारे में अपने विचारों को बदलना शुरू कर दिया है। ये देश पहले जीएम फसलों का पुरजोर विरोध कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत ने हाल में जीएम फसलों की उपेक्षा शुरू कर दी और जीएम कपास की सफलता के बावजूद आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों की खेती की अनुमति नहीं दी गई।
पवार ने कहा, ‘‘इसका नतीजा सभी को पता है। हम हर साल 80,000 करोड़ रुपये के खाद्य तेल का आयात कर रहे हैं, जिसमें जीएम सोयाबीन और सरसों से उत्पादित तेल भी शामिल है।’’
इसी कार्यक्रम में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने और वैश्विक अर्थव्यवस्था की मांग को ध्यान में रखते हुए खेती के तरीकों को बदलने का आह्वान किया।
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