Edited By PTI News Agency,Updated: 03 Aug, 2022 08:04 PM
नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) संसद की एक समिति ने नीति आयोग से आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत पिछड़े जिलों के मूल्यांकन और रैंकिंग में आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार लाने और तकनीक का उपयोग करने को कहा है।
नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) संसद की एक समिति ने नीति आयोग से आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत पिछड़े जिलों के मूल्यांकन और रैंकिंग में आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार लाने और तकनीक का उपयोग करने को कहा है।
भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने कहा है कि पिछली रिपोर्ट में कर्मचारियों की कमी और नीति आयोग के आंकड़ों की गुणवत्ता को लेकर चिंता को बार-बार रेखांकित किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति अपनी पहले की सिफारिश को दोहराना चाहेगी कि आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार के लिये ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत है।
इसमें कहा गया है, ‘‘समिति सिफारिश करती है कि नीति आयोग के पास जिला स्तर पर आवश्यक और योग्य कर्मचारी होने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) के तहत पिछड़े जिलों के मूल्यांकन और रैंकिंग को लेकर बेहतर आंकड़े उपलब्ध हों।’’
रिपोर्ट के अनुसार, समिति चाहती है कि आंकड़ों के संग्रह में तकनीक का उपयोग किया जाए और इस प्रकार के आंकड़ों का सत्यापन क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के जरिये हो।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम जनवरी, 2018 में शुरू किया गया। इसका मकसद प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में अपेक्षाकृत पीछे रह गये जिलों को विकास के रास्ते पर लाना है।
नीति आयोग हर महीने पिछड़े जिलों की रैकिंग करता है।
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