Edited By PTI News Agency,Updated: 12 Aug, 2022 09:07 PM
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) विशेष आर्थिक क्षेत्रों में स्थित इकाइयां अगर अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देना चाहती हैं, उन्हें इस संबंध में एक योजना तैयार करनी होगी और संबंधित विकास आयुक्तों से मंजूरी लेनी होगी।
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) विशेष आर्थिक क्षेत्रों में स्थित इकाइयां अगर अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देना चाहती हैं, उन्हें इस संबंध में एक योजना तैयार करनी होगी और संबंधित विकास आयुक्तों से मंजूरी लेनी होगी।
वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह बात कही।
सरकार ने जुलाई में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में स्थित इकाइयों के कर्मचारियों को अधिकतम एक साल तक घर से काम करने की इजाजत दी थी। यह सुविधा कुल कर्मचारियों के 50 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है।
मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इकाइयों को इस संबंध में योजना लागू करने की तारीख से कम से कम 14 दिन पहले संबंधित विकास आयुक्तों के समक्ष आवेदन करना होगा।
वाणिज्य विभाग ने विशेष आर्थिक क्षेत्र नियम, 2006 में डब्ल्यूएफएच (घर से काम करना) के लिए नया नियम 43ए अधिसूचित किया है।
ये नियम उद्योग की मांग पर सभी एसईजेड के लिए जारी किए गए हैं। नया नियम सेज में किसी इकाई के कर्मचारियों की एक निश्चित श्रेणी के लिए डब्ल्यूएफएच की अनुमति देता है।
इनमें आईटी / आईटी संबंधित सेज इकाइयों के कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा स्थायी रूप से अक्षम कर्मचारी, यात्रा कर रहे कर्मचारी और ‘ऑफसाइट’ काम करने वाले कर्मचारी भी इसमें शामिल है।
दिशानिर्देशों में कहा गया, ‘‘डब्ल्यूएफएच को लागू करने वाली इकाइयां इस संबंध में योजना तैयार करेंगी और उसे अपनाएंगी।’’
इसमें कहा गया कि डब्ल्यूएफएच योजना के आवेदन पर 15 दिनों के भीतर फैसला किया जाएगा और यदि इकाई को 15 दिनों के भीतर कोई सूचना नहीं मिलती है तो माना जाएगा कि योजना को मंजूरी मिल गई है।
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