Edited By PTI News Agency,Updated: 12 Aug, 2022 09:23 PM
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि एक डेवलपर से 16 साल बाद बची हुई रकम लेकर बिक्री सौदे को पूरा करने की उम्मीद करना ''बहुत ज्यादा'' हो जाएगा।
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि एक डेवलपर से 16 साल बाद बची हुई रकम लेकर बिक्री सौदे को पूरा करने की उम्मीद करना 'बहुत ज्यादा' हो जाएगा।
इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) के आदेश में भी संशोधन कर दिया। आयोग ने नागपुर स्थित एक घर का मालिकाना हक याची को सौंपने का निर्देश डेवलपर को दिया था।
एनसीडीआरसी ने दिसंबर 2019 के अपने आदेश में कहा था कि याची डेवलपर को बची हुई 6.49 लाख रुपये का राशि का भुगतान चार हफ्ते के भीतर कर दे। यह राशि मिलने पर डेवलपर को बिक्री सौदा संपन्न करने का निर्देश भी आयोग ने दिया था। डेवलपर ने इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने अपने फैसले में कहा, "करीब 16 साल बाद डेवलपर से यह उम्मीद करना बहुत ज्यादा होगा कि वह बिक्री सौदे की बची हुई राशि 6,49,220 रुपये लेकर सौदे को क्रियान्वित कर दे।"
इसके साथ ही पीठ ने कहा, "हमारा मानना है कि अगर संपत्ति खरीद के लिए शुरू में जमा 3,24,780 रुपये की राशि इस मामले के असली शिकायतकर्ता को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटा दी जाए तभी इंसाफ हो पाएगा।"
इस शिकायतकर्ता ने जून 2006 में डेवलपर के साथ एक घर की खरीद के लिए अनुबंध किया था जिसकी कीमत 9.74 लाख रुपये तय हुई थी। इसमें से एक हिस्से का भुगतान कर दिया गया था लेकिन बैंक से कर्ज वितरण नहीं होने पर बाकी राशि नहीं दी जा सकी और विवाद खड़ा हो गया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।