Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Sep, 2022 05:02 PM
नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) को वाणिज्यिक पत्र जारी करने की अनुमति दिए जाने से कम ब्याज पर लघु अवधि का कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी। रियल एस्टेट...
नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) को वाणिज्यिक पत्र जारी करने की अनुमति दिए जाने से कम ब्याज पर लघु अवधि का कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी। रियल एस्टेट उद्योग के विशेषज्ञों का ऐसा मत है।
रीट्स की शुरुआत भारत में कुछ साल पहले ही हुई है। इसका मकसद किराया देने वाली परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण के जरिए रियल एस्टेट की ओर निवेश आकर्षित करना है। इससे रियल एस्टेट परिसंपत्तियों के व्यापक मूल्य का लाभ उठाने और खुदरा भागीदारी में मदद मिलती है।
मौजूदा समय में भारतीय शेयर बाजारों में तीन सूचीबद्ध रीट्स हैं जिनमें एम्बेसी ऑफिस पार्क्स रीट, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स रीट और ब्रुक्रफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट हैं।
सेबी ने बृहस्पतिवार को उभरते निवेश साधनों रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स) और अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) को वाणिज्यिक पत्र जारी करने की अनुमति दी थी। पूंजी बाजार नियामक ने दो अलग-अलग परिपत्रों में कहा कि यह अनुमति कुछ शर्तों के अधीन है।
एम्बेसी रीट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विकाश खदलोया ने कहा कि इस फैसले से रीट के लिए पूंजी लागत और घटेगी और पूंजी जुटाने के रास्ते बढ़ जाएंगे।
कॉलियर्स इंडिया में प्रबंध निदेशक (पूंजी बाजार एवं निवेश सेवा) पीयूष गुप्ता ने कहा कि सेबी के निर्णय से लघु अवधि का कर्ज कम ब्याज पर जुटाने का एक रास्ता खुलेगा।
यह कदम पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के वाणिज्यिक पत्र निर्देशों के बाद उठाया गया है। इन निर्देशों में संकेत दिया गया था कि कम से कम 100 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति वाले इनविट और रीट वाणिज्यिक पत्र जारी कर सकते हैं।
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