विदेशी बाजारों में तेजी से तेल-तिलहन कीमतों में मामूली सुधार

Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Nov, 2022 08:08 PM

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नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन, मूंगफली तेल, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया। दूसरी ओर बिनौला तेल कीमतों में गिरावट देखने...

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन, मूंगफली तेल, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया। दूसरी ओर बिनौला तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली। मूंगफली और सोयाबीन तिलहन सहित अन्य तेल-तिलहनों के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में दो प्रतिशत की तेजी है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज फिलहाल 0.6 प्रतिशत मजबूत है।
सूत्रों ने कहा कि सरसों, मूंगफली और बिनौला की तेल मिलों के समक्ष ‘आगे कुंआ और पीछे खाई’ जैसी स्थिति है यानी यदि ये मिले चलें तो नुकसान आधा है और अगर बंद कर दी जायें तो नुकसान पूरा का पूरा है। इन तेल मिलों को पेराई के बाद जो लागत बैठती है वह बेहद सस्ते आयातित तेल के सामने टिक नहीं पा रही है। यानी तेल मिलों को बंद रखा जाये तो किराया, बिजली खर्च, कर्मचारियों की तनख्वाह और छोटे-मोटे तमाम खर्च हैं। अगर बंद रखा जाये तो पूरा का पूरा नुकसान है। ऐसी स्थिति में कोई करे तो क्या करे। आयातित सूरजमुखी तेल के दाम पहले से काफी कम हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि इसके साथ ही सरकार को तेल-तिलहन मामले में विदेशों पर निर्भरता को खत्म करने के लिए देशी तेल-तिलहन उत्पादन को बढ़ाने पर जोर देना चाहिये जिससे तेल के साथ साथ मवेशियों के लिए डीओसी और खल का भी उत्पादन होता है।

सूत्रों ने कहा कि जब आयातित सूरजमुखी तेल का दाम आधे से भी कम रह गया है, ऐसे में देश में सूरजमुखी का उत्पादन कैसे बढ़ेगा, क्योंकि जिस कदर भाव टूटकर 112 रुपये किलो रह गया है, उसके मुकाबले देश में सूरजमुखी तेल की लागत कहीं अधिक बैठने से इनका बाजार में टिकना मुश्किल होगा। इसलिए सूरजमुखी तेल की कोटा व्यवस्था को खत्म करते हुए आयातित तेलों पर अधिकतम आयात शुल्क लगाने की आवश्यकता है, तभी हमारे किसान सूरजमुखी उत्पादन करने को प्रोत्साहित हो सकते हैं।

सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 7,200-7,250 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,410-6,470 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,850 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,400-2,665 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,550 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,195-2,325 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,255-2,380 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 9,000 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,550 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 5,550-5,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 5,360-5,410 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।



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