Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Nov, 2022 08:23 PM
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि भारत में अधिकांश कंपनियां कमजोर रुपये का सामना कर सकती हैं लेकिन विकसित अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती ब्याज दरों और ऊंची ऊर्जा कीमतों से रुपये में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि भारत में अधिकांश कंपनियां कमजोर रुपये का सामना कर सकती हैं लेकिन विकसित अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती ब्याज दरों और ऊंची ऊर्जा कीमतों से रुपये में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
मूडीज ने भारत में गैर-वित्तीय कंपनियों के बारे में की गई एक टिप्पणी में कहा कि साल की शुरुआत से रुपये में करीब 10 प्रतिशत तक अवमूल्यन होने के बाद भारतीय मुद्रा 25 नवंबर को 81.67 प्रति डॉलर के भाव पर रही।
मूडीज ने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में ब्याज दरों में लगातार हो रही वृद्धि और ऊर्जा कीमतों के बढ़ने से चालू खाते का घाटा बढ़ा है जिससे रुपये पर दबाव बढ़ गया है। उसने कहा, ‘‘इन बाहरी घटकों से रुपये में उतार-चढ़ाव बढ़ता है लेकिन भारत में रेटिंग वाली अधिकांश कंपनियों के पास रुपये की घटती कीमत से निपटने के लिए संसाधन मौजूद हैं।’’
मूडीज ने कहा कि रुपया कमजोर होने से उन कंपनियों पर अधिक असर पड़ेगा जिनकी लागत डॉलर में आती है जबकि राजस्व सृजन रुपये में होता है। लेकिन रेटिंग वाली कंपनियों पर नकारात्मक क्रेडिट का असर सीमित या अस्थायी रहने की उम्मीद है।
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