Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Nov, 2022 08:33 PM
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने बिजली के खंभों, बस स्टॉप और ट्रैफिक सिग्नल पर 5जी सेवाओं के छोटे उपकरण लगाने की सिफारिश करने के साथ ही छोटे दूरसंचार उपकरण लगाने के लिए मंजूरी लेने की जरूरत खत्म करने का सुझाव दिया है।
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने बिजली के खंभों, बस स्टॉप और ट्रैफिक सिग्नल पर 5जी सेवाओं के छोटे उपकरण लगाने की सिफारिश करने के साथ ही छोटे दूरसंचार उपकरण लगाने के लिए मंजूरी लेने की जरूरत खत्म करने का सुझाव दिया है।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को जारी अपनी अनुशंसा में कहा कि दूरसंचार विभाग को 600 वॉट से कम विकिरण क्षमता वाले ‘लो पावर बेस ट्रांसीवर स्टेशन’ (एलपीबीटीएस) लगाने की मंजूरी लेने की बाध्यता से मुक्त किया जाना चाहिए।
5जी के स्पेक्ट्रम बैंड 2जी, 3जी एवं 4जी नेटवर्क की तुलना में बहुत कम इलाके को कवर करते हैं। इसकी वजह से 5जी सेवाओं की पहुंच बढ़ाने और सिग्नल अंतराल को दूर करने के लिए कम क्षमता वाले दूरसंचार उपकरण लगाने की जरूरत पड़ेगी।
इस पहलू को ध्यान में रखते हुए ट्राई ने दूरसंचार विभाग को सुझाव दिया है कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम में संशोधन कर बिजली खंभे, बस स्टॉप एवं ट्रैफिक सिग्नल जैसे ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ को भी शामिल किया जाए। इसके लिए ट्राई ने जरूरी अधिसूचना जारी करने को भी कहा है।
विकिरण का कम स्तर होने से छोटे दूरसंचार उपकरणों को अधिक सुरक्षा की जरूरत नहीं होगी और उन्हें लगाने में भी अधिक समस्या नहीं होगी। इन उपकरणों को सड़कों के किनारे के बिजली खंभों, बस स्टॉप और ट्रैफिक सिग्नल पर भी आसानी से लगाया जा सकता है।
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