Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Mar, 2023 06:10 PM
नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने राज्यों के स्कूलों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में रिक्त पदों पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि कई प्रदेशों में इनकी भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, ऐसे में राज्य स्तर पर एक स्वायत्त शिक्षक भर्ती...
नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने राज्यों के स्कूलों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में रिक्त पदों पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि कई प्रदेशों में इनकी भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, ऐसे में राज्य स्तर पर एक स्वायत्त शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए।
संसद में मंगलवार को पेश भारतीय जनता पार्टी सांसद विवेक ठाकुर की अध्यक्षता वाली महिला, बाल विकास, खेल एवं शिक्षा संबंधी स्थायी समिति की स्कूली शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग की अनुदान की मांगों पर रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि राज्य स्तर पर स्कूलों में शिक्षकों के कुल 62,71,380 स्वीकृत पदों की तुलना में 9,86,565 पद खाली हैं। इनमें से प्रारंभिक स्तर पर 7,47,565 पद रिक्त हैं जबकि माध्यमिक स्तर पर 1,46,334 पद और उच्च माध्यमिक स्तर पर 92,666 पद खाली हैं।
समिति ने यह सिफारिश की है कि विभाग को नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत परिकल्पित 30 : 1 के छात्र-शिक्षक अनुपात को प्राप्त करने के लिए शिक्षण कर्मियों की रिक्तियों को संबद्ध ढंग से भरने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि यह भी देखा गया है कि कई राज्यों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और बहुत लंबी है।
इसमें कहा गया है कि समिति यह सिफारिश करती है कि राज्य स्तर पर एक स्वायत्त शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए जिसकी कुछ शिक्षा समितियों ने भी अनुशंसा की है।
उच्च शिक्षा को लेकर समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि उल्लेखनीय सुधार देखने के लिए विभाग, विश्वविद्यालयों, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), आईआईएम, आईआईटी, एनआईटी आदि के तहत प्रमुख संस्थानों में रिक्तियों को समयबद्ध ढंग से और 2023 के अंत तक यथासंभव स्थायी शिक्षकों को भरने की दिशा में हो रही कार्रवाई एवं प्रगति की निगरानी के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया जाए।
इसमें कहा गया है कि समिति यह भी सिफारिश करती है कि विशेष भर्ती अभियान भी चलाया जाना चाहिए।
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