Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Mar, 2023 09:13 PM
नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों के ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक एवं शासन) संबंधी खुलासे, प्रतिभूति बाजार में ईएसजी रेटिंग और म्यूचुअल फंड की तरफ से ईएसजी निवेश के बारे में एक नियामकीय ढांचा लागू करने का...
नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों के ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक एवं शासन) संबंधी खुलासे, प्रतिभूति बाजार में ईएसजी रेटिंग और म्यूचुअल फंड की तरफ से ईएसजी निवेश के बारे में एक नियामकीय ढांचा लागू करने का बुधवार को फैसला किया।
इसके साथ ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेश संबंधी निर्णय लेने में ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं (ईआरपी) की बढ़ती अहमियत को देखते हुए ईआरपी के लिए मानदंड तय करने भी फैसला किया है।
सेबी ईएसजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए गलत बिक्री और ग्रीन-वॉशिंग (खुद को पर्यावरण-अनुकूल दिखाने की कोशिश) के जोखिम को दूर करने के लिए कुछ उपाय पेश करेगा और प्रबंधन रिपोर्टिंग संबंधी प्रावधानों को बढ़ाएगा।
सेबी का यह कदम 'जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण, सामाजिक और शासन' (ईएसजी) संबंधी जोखिमों के महत्वपूर्ण आर्थिक और वित्तीय प्रभाव की बढ़ती पहचान के बीच आया है।
ईएसजी खुलासों की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए सेबी ने कहा कि बीआरएसआर (कारोबार दायित्व एवं स्थिरता रिपोर्ट) कोर लाया जाएगा। इसमें प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) शामिल हैं जिन पर सूचीबद्ध कंपनियों को तर्कसंगत गारंटी पाने की जरूरत होगी।
वित्त वर्ष 2023-24 से बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 150 सूचीबद्ध कंपनियों के साथ बीआरएसआर कोर को लागू करने की शुरुआत होगी। इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक धीरे-धीरे बढ़ाकर शीर्ष 1,000 कंपनियों तक ले जाया जाएगा।
सेबी के निदेशक मंडल ने भारतीय प्रतिभूति बाजार में ईआरपी के लिए एक नियामकीय ढांचे के प्रस्ताव को मंजूरी दी। सेबी ने कहा कि ईएसजी रेटिंग में भारत या उभरते बाजार के मापदंडों पर विचार करने के लिए ईआरपी की जरूरत होगी।
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