Edited By Supreet Kaur,Updated: 07 Jul, 2018 01:27 PM
बाजार नियामक सेबी ने कहा कि वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) अपनी मौजूदा खुली अवधि की योजनाओं को तय अवधि की योजनाओं में नहीं बदल सकते। न ही वे इन योजनाओं में इसका ठीक उलटा कर सकते हैं। सेबी ने कहा है, ‘एआईएफ नियमन में खुली अवधि की मौजूदा योजना......
नई दिल्लीः बाजार नियामक सेबी ने कहा कि वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) अपनी मौजूदा खुली अवधि की योजनाओं को तय अवधि की योजनाओं में नहीं बदल सकते। न ही वे इन योजनाओं में इसका ठीक उलटा कर सकते हैं। सेबी ने कहा है, ‘एआईएफ नियमन में खुली अवधि की मौजूदा योजनाओं को बंद अवधि वाली योजना में या इसका उल्टा करने का कोई प्रावधान नहीं है।’
नियामक ने एआईएफ नियमन के कुछ पहलुओं के बारे में स्पष्टीकरण में यह जानकारी दी है। सिंग्यूलर इंडिया अपार्चुनिटी ट्रस्ट (एसआईओटी) ने इस बारे में स्पष्टीकरण चाहा था जिस पर नियामक ने अनौपचारिक दिशा निर्देश जारी किए हैं। एआईएफ में उद्यम पूंजी कोष, हेज फंड, निजी इक्विटी कोष, जिंस कोष, ऋण कोष व ढांचागत कोष शामिल हैं।