सेंसेक्स में इस साल की सबसे बड़ी गिरावट

Edited By ,Updated: 11 Feb, 2016 04:55 PM

fourteen per cent market share declined in early trade

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन के बयान से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर उपजी चिंता के कारण दुनिया के अन्य शेयर बाजारों के साथ बीएसई का सेंसेक्स भी 3.40 प्रतिशत यानी 807.07 अंक का गोता लगाकर 23000 अंक से नीचे

मुंबईः  अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन के बयान से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर उपजी चिंता के कारण दुनिया के अन्य शेयर बाजारों के साथ बीएसई का सेंसेक्स भी 3.40 प्रतिशत यानी 807.07 अंक का गोता लगाकर 23000 अंक से नीचे तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 3.32 प्रतिशत यानी 239.35 अंक लुढ़ककर 7000 अंक से नीचे आ गया। सेंसेक्स में यह पिछले साल 24 अगस्त (1624.51 अंक) के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 08 मई 2014 के बाद के निचले स्तर 22951.83 अंक पर और निफ्टी 09 मई 2014 के बाद के निचले स्तर 6976.35 अंक पर रहा।

येलेन ने बुधवार को अमेरिकी संसद में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर है और इसका असर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका पर भी पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने पिछले साल दिसंबर में शुरू की गई ब्याज दरों में बढ़ोतरी से पीछे हटने से इनकार किया, लेकिन कहा कि फेडरल रिजर्व इसकी रफ्तार कम जरूर कर सकता है। सेंसेक्स ने लगभग स्थिर और निफ्टी ने मामूली गिरावट के साथ शुरुआत की। लेकिन, दोनों पूरे दिन लाल निशान में रहे। दोपहर तक सेंसेक्स 250 अंक से ज्यादा गिर चुका था, लेकिन दोपहर बाद इसकी गिरावट तेज हो गई।

डॉलर के मुकाबले रुपए के 40 पैसे से ज्यादा टूटने, कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणामों तथा विदेशी बाजारों में आयी गिरावट का असर भी इस पर दिखा। चीन और जापान में आज बाजार बंद रहे। हांगकांग का हैंगसेंग 3.85 प्रतिशत तथा दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.93 प्रतिशत लुढ़क गया। सभी महत्वपूर्ण यूरोपीय बाजार लाल निशान में खुले। ब्रिटेन का एफटीएसई शुरुआती कारोबार में 2.43 प्रतिशत उतर गया। बीएसई में सभी समूह लाल निशान में रहे। दूरसंचार को छोड़कर शेष सभी समूहों में ढाई प्रतिशत से ज्यादा गिरावट रही। दूरसंचार सबसे कम 1.04 प्रतिशत तथा रियलिटी समूह सबसे ज्यादा 5.94 फीसदी टूट गया। यूटिलिटीज में 4.89, पावर में 4.81 प्रतिशत और इंडस्ट्रियल्स में 4.53 प्रतिशत की गिरावट रही।

सेंसेक्स में सिप्ला और डा. रेड्डीज लैब को छोड़कर अन्य सभी 28 कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा। अदानी पोट्स के शेयर सबसे ज्यादा 6.94 तथा भेल के 6.01 प्रतिशत टूटे। टाटा मोटर्स और ओएनजीसी ने पाँच प्रतिशत से ज्यादा तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, एचडीएफसी तथा रिलायंस इंस्ट्रीज को भी चार फीसदी से अधिक का नुकसान हुआ। सेंसेक्स से बाहर की कंपनियों में यूनिटेक के शेयर सर्वाधिक 16.36 प्रतिशत गिरे। बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियों में बिकवाली का जोर ज्यादा रहा। बीएसई का स्मॉलकैप 4.64 प्रतिशत गिरकर 9801.26 अंक पर तथा मझौली कंपनियों का सूचकांक मिडकैप 3.27 प्रतिशत फिसलकर 9690.90 प्रतिशत पर आ गया। बिकवाली इस कदर रही कि बीएसई में 2779 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें मात्र 324 के भाव चढ़े जबकि 2359 के शेयर उतर गये। वहीं, 96 कंपनियों के शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

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