पलानीस्वामी अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव बने, ओपीएस को स्वार्थी करार दिया

Edited By PTI News Agency,Updated: 11 Jul, 2022 08:31 PM

pti tamil nadu story

चेन्नई, 11 जुलाई (भाषा) अन्नाद्रमुक के नेता ई.के पलानीस्वामी (ईपीएस) को सोमवार को पार्टी का अंतरिम महासचिव चुना गया और इसी के साथ उन्हें पार्टी चलाने के लिए सभी अधिकार प्रदान कर दिया गया। हालांकि, प्रतिद्वंद्वी नेता ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस)...

चेन्नई, 11 जुलाई (भाषा) अन्नाद्रमुक के नेता ई.के पलानीस्वामी (ईपीएस) को सोमवार को पार्टी का अंतरिम महासचिव चुना गया और इसी के साथ उन्हें पार्टी चलाने के लिए सभी अधिकार प्रदान कर दिया गया। हालांकि, प्रतिद्वंद्वी नेता ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) अपने मुख्य समर्थकों के साथ अलग हो गये हैं, लेकिन ईपीएस उन्हें ओपीएस को स्वार्थी करार दिया।
पार्टी के 68 वर्षीय नेता पलानीस्वामी ने ओपीएस पर हमला करते हुए उन्हें मतलबी करार देते हुए आरोप लगाया कि पूर्व पार्टी समन्वयक ने सत्ताधारी द्रमुक के साथ साठगांठ करके अन्नाद्रमुक के मुख्यालय पर हमले का ताना-बाना बुना।
हालांकि, द्रमुक ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्षी दल के मामलों से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
यहां हुई कार्यकारी समिति और आम परिषद की बैठक में अन्नाद्रमुक ने समन्वयक और संयुक्त समन्वयक पद को समाप्त करने संबंधी प्रस्ताव पारित किया। ये दोनों पद क्रमश: ओ पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी के पास थे।

पार्टी की बैठक में औपचारिक रूप से महासचिव का चुनाव करने के लिए संगठनात्मक चुनाव चार महीनों में कराने का संकल्प जताया गया।
इसमें कई नियमों में भी संशोधन किए गए जिनमें पार्टी के शीर्ष पद महासचिव का चुनाव लड़ने के लिए कुछ नए नियम और पूर्व अनुमतियां शामिल हैं।
बैठक में कुल मिलाकर 16 प्रस्ताव अंगीकार किए गए । पन्नीरसेल्वम पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं, लेकिन पूर्व मंत्री एवं पार्टी के वरिष्ट नेता सी विजयभास्कर ने पार्टी के वित्त से जुड़े ब्योरे पेश किए, जिनसे संकेत मिलते हैं कि पन्नीरसेल्वम को जल्द ही पदमुक्त किया जा सकता है।
संयोग से जयललिता ने दशकों तक पार्टी को शक्तिशाली महासचिव की हैसियत से संचालित किया, जबकि उनकी करीबी सहयोगी वीके शशिकला को दिसंबर 2016 में जयललिता के निधन के बाद एक संक्षिप्त अवधि के लिए अंतरिम महासचिव बनाया गया था।

शशिकला, जिन्हें बाद में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई थी, को वर्ष 2017 में महासचिव के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

पार्टी की बैठक में अपने भाषण में पलानीस्वामी ने दावा किया कि इस मुद्दे के शुरुआती दौर में वरिष्ठ नेताओं ने कई बार ओपीएस से मुलाकात की और उन्हें बताया गया कि कोई भी शीर्ष पद पर आ सकता है और एकात्मक नेतृत्व की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह लोगों और कार्यकर्ताओं की इच्छा है और उन्होंने उनकी सहमति मांगी। मुझे पता है कि दोहरे नेतृत्व के कारण हमें कितना नुकसान हुआ.. अगर हम लोगों की इच्छा के अनुरूप काम करते हैं, तो ही हम सत्ता में लौट सकते हैं। कई मौकों पर उनके साथ (पन्नीरसेल्वम) बातचीत हुई थी।’’
पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि पन्नीरसेल्वम के द्रमुक के साथ भी संबंध थे। बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ओपीएस एक ‘स्वार्थी’ इंसान थे।
पार्टी मुख्यालय में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पन्नीरसेल्वम ने द्रमुक की मिलीभगत से हमले की साजिश रची थी।

पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘द्रमुक के साथ संबंध रखने वाले पूर्व समन्वयक ने संयुक्त रूप से हमले की साजिश रची। यह बहुत निंदनीय है। मैंने कहा था कि राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है, जो आज साबित हो गया। अगर 31 साल तक राज्य पर शासन करने वाली अन्नाद्रमुक की यह स्थिति है, तो आम आदमी का क्या?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक ने ‘अन्नाद्रमुक’ को खत्म करने के लिए विश्वासघात करने वालों की मिलीभगत से हिंसा की थी। उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए सत्तारूढ़ दल और ‘विश्वासघाती ओपीएस’ जिम्मेदार हैं।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!