संकट भी अवसर प्रदान करते हैं: श्रीलंकाई शरणार्थी

Edited By PTI News Agency,Updated: 13 Jul, 2022 08:11 PM

pti tamil nadu story

चेन्नई, 13 जुलाई (भाषा) श्रीलंका के शरणार्थियों ने बुधवार को यहां कहा कि द्वीपीय राष्ट्र में मौजूदा संकट आर्थिक रूप से राष्ट्र के पुनर्निर्माण और तमिल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर प्रदान करता है।

चेन्नई, 13 जुलाई (भाषा) श्रीलंका के शरणार्थियों ने बुधवार को यहां कहा कि द्वीपीय राष्ट्र में मौजूदा संकट आर्थिक रूप से राष्ट्र के पुनर्निर्माण और तमिल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि आधिपत्य और जातीयता आधारित राजनीति से दूर रहने वाले नेताओं की एक नई जमात को सरकार गठन की पहल का नेतृत्व करना चाहिए और अपने प्रयास में उन्हें तमिलों और मुसलमानों सहित सभी वर्गों के लोगों को शामिल करना चाहिए।

अपने देश के संकट में फंसने के बाद हाल में तमिलनाडु पहुंचे 112 तमिलों में से एक महिला की मौत हो गई है और अन्य को सरकार द्वारा दक्षिणी रामनाथपुरम जिले में ठहराया गया है।

यहां एक शरणार्थी शिविर में रह एक शरणार्थी ने कहा कि श्रीलंका में संकट उत्तर और पूर्वी प्रांतों में तमिल लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है।

शरणार्थी आर. पद्मनाथन ने कहा, ‘‘तमिल लोगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। कम से कम 40 साल तक तमिल बिजली के बिना रहे और उन्हें हर तरह की कमी का सामना करना पड़ा।’’
उत्तरी श्रीलंका में मुल्लैतिवु जिले के मूल निवासी और तमिलनाडु की राजधानी के उत्तरी बाहरी इलाके में पुझल शरणार्थी शिविर में रह रहे पद्मनाथन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस संकट का सामना कभी केवल तमिलों को उन क्षेत्रों में करना पड़ा था, जहां वे रहते थे और अब पूरा देश संकटग्रस्त है।

उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है, लेकिन इसने शासक करने वालों की विफलताओं पर भी प्रकाश डाला और लोग समझ गए हैं कि उन्हें राजनेताओं ने ठगा है।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रवक्ता के. एस. राधाकृष्णन ने कहा कि श्रीलंका में तमिल लोगों द्वारा जिस संकट का अब सामना किया जा रहा है वह 2009 के युद्ध की तुलना में कम से कम 10 गुना बदतर है। उन्होंने कहा कि हालांकि, तमिल नेताओं ने मुश्किल समय में भी लोगों का साथ नहीं छोड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत बुनियादी सुविधाओं और आवश्यकताओं के बारे में बात कर रहे हैं। श्रीलंका में तमिलों को यह सब भी नहीं मिला।’’
गौरतलब है कि श्रीलंका को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। देश भारी कर्ज तले दबा हुआ है और भोजन, रसोई गैस, ईंधन और दवा की कमी से जूझ रहा है।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे मालदीव चले गये और वहां से उन्होंने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया है।



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